डिग्री कॉलेज सुबाथू को डी-नोटिफाई करने पर रोक
शिमला, 8 दिसंबर (हप्र)
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राजकीय डिग्री कॉलेज सुबाथू को डी-नोटिफाई करने की सुक्खू सरकार की अधिसूचना पर रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राजकीय डिग्री कॉलेज सुबाथू की पीटीए द्वारा दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किए। याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार 14 अक्तूबर 2022 को गोस्वामी गणेश दत्त सनातन धर्म कॉलेज सुबाथू जिला सोलन को जनहित में राज्य सरकार ने टेकओवर कर लिया था। इस कॉलेज को टेकओवर करने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी। इसके पश्चात इस कॉलेज को टेकओवर करने के लिए सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई और उसके पश्चात 14 अक्तूबर 2022 को अधिसूचना जारी कर इस कॉलेज को राज्य सरकार ने अपने अधीन ले लिया। यही नहीं उसी दिन राज्य सरकार ने इतिहास, हिंदी, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, वाणिज्य शास्त्र के अध्यापकों तथा नॉन-टीचिंग स्टाफ की सेवाओं को भी टेकओवर कर लिया। राज्य सरकार ने इसके बाद सेवानिवृत कर्मचारी के सेवानिवृत्ति लाभों का हस्तांतरण भी कर दिया। दिसंबर 2022 में नई सरकार सत्ता में आई और 20 नवंबर 2023 को डी-नोटिफिकेशन संबंधी सामान्य आदेश जारी कर पिछली सरकार के 14 अक्तूबर 2022 को जारी अधिसूचना को वापस ले लिया। प्रार्थी संघ की यह दलील थी कि 20 नवंबर 2023 को जारी की गई अधिसूचना कानूनी सिद्धांतों के बिल्कुल विपरीत है। राज्य सरकार की यह दलील थी कि इस कॉलेज को अपने अधीन लेने की अधिसूचना आचार संहिता के मात्र दो दिन पहले की गई थी। सुबाथू से मात्र 25 किलोमीटर की दूरी पर धर्मपुर में गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज स्थित है। कॉलेज को खोलने के लिए 35 बीघा जमीन का होना अनिवार्य है। जबकि उक्त कॉलेज के पास केवल 8 बीघा की जमीन है।कोर्ट ने 30 अगस्त 2022 को तैयार की गई फीजिबिलिटी रिपोर्ट व मामले से जुड़े अन्य तथ्यों के दृष्टिगत प्रथम दृष्टया प्रार्थी अभिभावक अध्यापक संघ की दलीलों से सहमति जताते हुए 20 नवंबर 2023 को जारी अधिसूचना पर अपने स्थगन आदेश पारित कर दिए। मामले पर अगली सुनवाई 3 जनवरी को होगी।