शौर्यचक्र पुरस्कार विजेता कॉमरेड संधू के हत्यारोपी की जमानत याचिका रद्द
मोहाली, 18 जनवरी ( हप्र)
शौर्यचक्र पुरस्कार विजेता कॉमरेड बलविंदर सिंह संधू की हत्या को अंजाम देने के लिए आपराधिक साजिश में प्रमुख भूमिका निभाने के आरोपी सुखमीत पाल सिंह उर्फ सुख उर्फ सुख भिखारीवाल ने एनआईए कोर्ट में अपनी नियमित जमानत याचिका लगाई थी, जिसे अदालत ने रद्द कर दिया है।
एनआईए अदालत ने फैसला सुनाया कि मामले की निष्पक्ष और त्वरित सुनवाई के लिए आरोपी की हिरासत जरूरी है। अगर उसे जमानत पर रिहा किया जाता है तो इस बात की संभावना है कि वह गवाहों को धमका सकता है और साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर सकता है। अदालत ने कहा कि मामले से जुड़े उपरोक्त तथ्यों और परिस्थितियों, विशेष रूप से आरोपों की गंभीर प्रकृति को देखते हुए आरोपी जमानत का हकदार नहीं है। इसलिए उसकी जमानत याचिता को रद्द किया जाता है। आरोपी सुखमीत पाल सिंह उर्फ सुख पर आरोप है कि 16 अक्तूबर 2020 को दो अज्ञात लोगों ने शौर्य चक्र पुरस्कार विजेता कॉमरेड बलविंदर सिंह की तरनतारन जिले के भिखीविंड में हत्या कर दी थी। मृतक की पत्नी जगदीश कौर के बयान पर भिखीविंड थाने में हत्या का मामला दर्ज हुआ था। बाद में इस मामले को एनआईए को सौंप दिया था।
आरोपियों ने किया था यह खुलास
अपराध में शामिल गिरफ्तार आरोपियों ने खुलासा किया था कि उन्होंने आरोपी सुखमीत पाल सिंह के कहने पर कामरेड की हत्या की थी। सुखमीत पाल सिंह भिखारीवाल को कनाडा में रहने वाले केएलएफ के कार्यकर्ता सनी टोरंटो और लखबीर सिंह उर्फ रोडे जो जरनैल सिंह भिंडरावाला का भतीजा और आतंकवादी संगठन खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन का प्रमुख है ने हत्या की जिम्मेवारी सौंपी थी। पंजाब में आतंकवाद को फिर से जिंदा करने के उद्देश्य से लखबीर सिंह उर्फ रोडे और सनी टोरंटो ने कामरेड बलविंदर सिंह संधू की हत्या को अंजाम देने के लिए सुखमीत पाल सिंह से संपर्क किया था। सुखमीत पाल सिंह ने अपने साथियों रविंदर सिंह उर्फ ज्ञान और सुखराज सिंह उर्फ सुखा लखनपाल के जरिए सुखदीप सिंह उर्फ बुरा और गुरजीत सिंह को कामरेड बलविंदर सिंह संधू की हत्या को अंजाम देने के लिए चुना था। सुखमीत पाल सिंह पर कामरेड बलविंदर सिंह संधू की हत्या की योजना बनाने और उसे अंजाम देने के लिए मास्टर माइंड माना गया है। उसने कामरेड बलविंदर सिंह संधू की हत्या को अंजाम देने के लिए भारत में अपने सह-आरोपियों को रसद, हथियार और वित्तीय सहायता प्रदान की थी। सुखमीत पाल सिंह पाकिस्तान स्थित खालिस्तान संस्थाओं के साथ सक्रिय रूप से शामिल था। कामरेड बलविंदर सिंह की हत्या के बाद उसने लखबीर सिंह रोडे, सनी टोरंटो और गुरजोत कौर की मदद से पाकिस्तान में बसने की कोशिश भी की थी।