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बादशाहपुर के विधायक राकेश दौलताबाद का हार्ट अटैक से निधन

01:18 PM May 25, 2024 IST
बादशाहपुर के विधायक राकेश दौलताबाद का हार्ट अटैक से निधन
राकेश दौलताबाद की फाइल फोटो।
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ट्रिब्यून न्यूज सर्विस, चंडीगढ़, 25 मई

गुरुग्राम जिले की बादशाहपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद की शनिवार को सुबह करीब 10 बजे मौत हो गई। उनकी मृत्यु हार्ट अटैक से होने की सूचना मिली है। बताते हैं कि सुबह जब उन्हें हार्ट अटैक आया तो परिजनों ने उन्हें गुरुग्राम के एक अस्पताल में भर्ती करवाया, लेकिन वे बच नहीं सके। राकेश दौलताबाद की उम्र करीब 45 वर्ष थी।

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2019 में राकेश दौलताबाद ने बादशाहपुर हलके से आजाद प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था। हरियाणा के नब्बे विधानसभा हलकों में यह विधानसभा क्षेत्र मतदाताओं के हिसाब से सबसे बड़ा है। यहां साढ़े चार लाख के लगभग मतदाता हैं। राकेश ने 1 लाख 6 हजार 827 वोट हासिल करके भाजपा प्रत्याशी मनीष यादव को 10 हजार 186 मतों से पराजित किया था।

भाजपा ने यहां से मौजूदा विधायक और मनोहर सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री रहे राव नरबीर सिंह का टिकट काटकर मनीष यादव को दिया था। इससे पहले भी राकेश दौलताबाद ने 2014 का विधानसभा चुनाव इसी हलके से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर लड़ा था। उस समय उन्हें 68 हजार 540 वोट मिले थे। वहीं राव नरबीर सिंह ने 86 हजार 672 वोट लेकर राकेश को 18 हजार 132 मतों के अंतर से हराया था।

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2014 के हरियाणा विधानसभा के चुनाव में राकेश दौलताबाद ने इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) की टिकट पर बादशाहपुर से चुनाव लड़ा। उनके सामने भाजपा की टिकट पर कद्दावर नेता एवं पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह चुनाव मैदान में थे। इस चुनाव में कांटे की टक्कर थी। राव नरबीर सिंह को 86672 वोट मिले थे, जबकि 68540 वोट लेकर राकेश दौलताबाद दूसरे नंबर पर रहे थे।

भले ही आंकड़ों से राकेश दौलताबाद की इस चुनाव में हार हुई हो, लेकिन राजनीति में उनके पांव जम चुके थे। जनता के दिलों को काफी हद तक जीतने में वे कामयाब रहे थे। हार के बाद वे फिर से सक्रिय हुए। बादशाहपुर की जनता के बीच उनकी सक्रियता कम नहीं हुई। सेवा कार्यों को उन्होंने लगातार जारी रखा। उन्होंने दो प्रमुख कार्यों को सुचारू रूप से चलाए रखा। पहला तो कालेज में पढऩे वाली बेटियों के लिए निशुल्क बस सेवा और दूसरा मरीजों के लिए निशुल्क एम्बुलेंस सेवा। ऐसा करके वे युवाओं के बीच भी पसंद किए जाने लगे। परिवारों में उनके कार्यों की चर्चा होने लगी।

2019 में निर्दलीय लड़ा चुनाव

2019 का जब चुनाव आया तो उन्होंने किसी भी राजनीतिक दल से कोई संपर्क नहीं किया। इनेलो से वे पहले ही अलग हो चुके थे। ऐसे में उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में ताल ठोकी। इस चुनाव में राकेश दौलताबाद 1 लाख 6 हजार 827 वोट (47.6 प्रतिशत) वोट लेकर विधायक बन गए। चुनाव जीतने के बाद राकेश ने भाजपा को समर्थन दिया।

मनोहर सरकार ने वर्ष 2020 में हरियाणा कृषि उद्योग निगम का चेयरमैन बनाया। एक साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद सरकार ने उन्हें दोबारा नियुक्ति नहीं दी। उसके बाद यह पद जेजेपी के खाते में चला गया। राकेश दौलताबाद के निधन पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल, नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुडडा समेत अन्य कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।

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