पिछड़े बच्चों को सहयोग, अभ्यास की अधिक जरूरत
इन्द्री, 22 अप्रैल (निस)
निपुण हरियाणा मिशन के अंतर्गत प्राथमिक शिक्षकों के लिए चार दिवसीय एफएलएन प्रशिक्षण कार्यक्रम खंड शिक्षा अधिकारी अंजू सरदाना की अध्यक्षता में गवर्नमेंट मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल ब्वायज में शुरू हुआ। प्रशिक्षण कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर के तौर पर बीआरपी रविंद्र शिल्पी, धर्मेंद्र चौधरी, कविता कंबोज, एबीआरसी डॉ. बारूराम मंढान, मोनिका, सुनंदा, निशा कंबोज, नीतू काम्बोज ने अध्यापकों को शिक्षण और मूल्यांकन की विधियों को लेकर गहन विचार विमर्श किया। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान से सुरेंद्र कौर व करनेल सिंह ने कार्यक्रम की मॉनिटरिंग की और प्रशिक्षण के दौरान करवाए गए कार्यों की फीडबैक ली। प्रशिक्षण कार्यशाला में अध्यापकों से संवाद करते हुए रविंद्र शिल्पी ने कहा कि सभी बच्चों में सीखने की क्षमता जन्मजात होती है। उन्होंने कहा कि बच्चों की क्षमताओं का आकलन करने के लिए हमें उनका अवलोकन करना चाहिए। उन्होंने कहा की सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ेपन का शिकार बच्चों को दूसरे बच्चों की तुलना में सहयोग एवं अभ्यास की अधिक आवश्यकता हो सकती है, परंतु हम कभी भी इस निष्कर्ष पर न पहुंचे कि यह बच्चे सीख नहीं सकते।
मास्टर ट्रेनर धर्मेंद्र चौधरी ने अध्यापकों से बातचीत करते हुए कहा कि शिक्षण प्रक्रिया को बच्चों के पूर्व ज्ञान और अनुभवों से जोड़ कर शिक्षण करें तो कक्षा में बच्चों के अनुभवों को मान्यता एवं जगह मिलती है, शिक्षण प्रक्रिया रोचक भी हो जाती है। बच्चों के पूर्व ज्ञान एवं अनुभवों को शिक्षण प्रक्रिया में शामिल करने से बच्चे को अभिव्यक्ति मिलती है जिससे बच्चों के अंदर आत्मविश्वास पैदा होता है। डॉ. बारूराम मंढाण ने कहा कि कक्षा में बच्चों को अपने सहपाठियों के साथ सीखने के मौके प्रदान किए जाने चाहिए ताकि बच्चे सहज रूप से सीख पाए और शिक्षण प्रक्रिया सरल और मित्रवत माहौल में आगे बढ़ सके। योजनाबद्ध तरीके से बच्चों को सीखने के अधिक से अधिक मौके दिए जाने चाहिए ताकि बेहतर परिणाम सामने आ सके। प्रशिक्षण कार्यशाला में सुखविंदर सिंह कंबोज, रजत शर्मा, अनिल आर्य, युगल किशोर मित्तल, पूजा, शैलजा, अनुपमा देवी, गरिमा शर्मा,रीना, प्रियंका, सविता कंबोज ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।