Baba Siddiqui murder: कई एंगल पर जांच कर रही मुंबई पुलिस, दिल्ली पुलिस का विशेष प्रकोष्ठ भी करेगा मदद
मुंबई, 13 अक्टूबर (भाषा)
Baba Siddiqui murder: पुलिस ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या की विभिन्न पहलुओं से जांच शुरू कर दी है जिसमें सुपारी लेकर हत्या, कारोबारी प्रतिद्वंद्विता या एक बस्ती की पुनर्वास परियोजना को लेकर मिली धमकी के पहलू भी शामिल हैं। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया, ‘‘दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ से चार से पांच सदस्यों वाली एक टीम इस हत्याकांड की जांच करने और मुंबई पुलिस की मदद करने के लिए देश की आर्थिक राजधानी जाएगी। यह टीम इस घटना में गैंगस्टर पहलू की जांच करेगी।''
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता सिद्दीकी (66) का शव पोस्टमार्टम के लिए रविवार सुबह करीब छह बजे लीलावती अस्पताल से कूपर अस्पताल ले जाया गया। उनकी शनिवार रात को मुंबई में तीन हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस चौंकाने वाली घटना के बाद विपक्ष ने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाया है। राज्य में अगले महीने विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं।
बाबा सिद्दीकी को मुंबई में बांद्रा इलाके के खेर नगर में उनके बेटे एवं विधायक जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के बाहर तीन लोगों ने गोली मार दी थी। उन्हें अचेत अवस्था में रात साढ़े नौ बजे लीलावती अस्पताल के आपातकालीन चिकित्सा सेवा विभाग में भर्ती कराया गया। अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि उस समय उनकी नब्ज, हृदय गति नहीं चल रही थी, रक्तचाप भी नहीं था और उनके सीने में गोली लगने के घाव थे।
उन्होंने बताया कि सिद्दीकी का काफी खून बह गया था और उन्हें होश में लाने की कोशिशें तुरंत शुरू की गयी थी। उन्हें गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती कराया गया लेकिन सभी प्रयासों के बावजूद चिकित्सक उन्हें बचा नहीं पाए और शनिवार रात 11 बजकर 27 मिनट पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि घटना के बाद फॉरेंसिक विशेषज्ञों का एक दल अपराध स्थल पर पहुंचा और नमूने एकत्रित किए। पुलिस हमले के बारे में और जानकारी जुटाने के लिए आसपास के इलाकों की सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। उन्होंने बताया कि हमलावरों ने 9.9 एमएम की पिस्तौल से चार से पांच गोलियां चलायीं। पुलिस ने पिस्तौल बरामद कर ली है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान पुलिस को पता चला है कि हमलावरों ने सिद्दीकी पर तब गोलियां चलायी जब लोगों ने दुर्गा विसर्जन की शोभायात्रा के दौरान पटाखे फोड़ने शुरू किए। पुलिस ने बताया कि उन्होंने इस मौके का फायदा उठाया क्योंकि तब ज्यादातर लोगों ने पटाखे फोड़े जाने के कारण गोलियां चलने की आवाज नहीं सुनी। अधिकारी ने बताया कि इस मामले को जांच के लिए अपराध शाखा को सौंपा गया है और पुलिस सभी अलग-अलग पहलुओं से मामले की जांच कर ही है, जिसमें सुपारी लेकर हत्या, कारोबारी प्रतिद्वंद्विता और एक बस्ती पुनर्वास प्राधिकरण (एसआरए) परियोजनाआ को लेकर धमकी के पहलू भी शामिल हैं।
पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक सूचना के आधार पर उत्तर प्रदेश तथा हरियाणा के दो हमलावरों को हिरासत में लिया गया है जबकि एक अन्य संदिग्ध फरार है। बाबा सिद्दीकी ने विधानसभा में तीन बार बांद्रा (पश्चिम) सीट का प्रतिनिधित्व किया था। मुंबई के प्रतिष्ठित मुस्लिम नेता सिद्दीकी को कई बॉलीवुड हस्तियों के करीब माना जाता था।
सिद्दीकी की हत्या पिछले तीन दशक में मुंबई में किसी हाई-प्रोफाइल नेता की हत्या का पहला मामला है जिसने पूरे राज्य को चौंका दिया है। छात्र जीवन से ही कांग्रेस का सदस्य रहे सिद्दीकी इस साल फरवरी में अजित पवार नीत राकांपा में शामिल हो गए थे। उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त थी। इससे पहले 90 के शुरुआती दशक में बांद्रा और खेतवाडी से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तत्कालीन विधायक क्रमश: रामदास नायक और प्रेमकुमार शर्मा की भी गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। शिवसेना विधायक रहे विठ्ठल चह्वाण और रमेश मोरे की भी मुंबई में 90 के दशक में गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी।
बाबा सिद्दीकी की हत्या शर्मनाक और चौंका देने वाली है: राकांपा (शरदचंद्र पवार)
महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) और कांग्रेस ने रविवार को कहा कि पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या राज्य के लिए चौंकाने वाली और शर्मनाक है। उन्होंने दावा किया कि मुंबई में अराजकता व्याप्त है। राकांपा (शरदचंद्र पवार) के महाराष्ट्र अध्यक्ष जयंत पाटिल ने पूछा कि जब सत्तारूढ़ गठबंधन का नेता ही सुरक्षित नहीं है तो सरकार आम आदमी को कैसे सुरक्षित रख सकती है?
पाटिल ने एक बयान में कहा कि राज्य में इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक ने पुलिस थाने में गोलीबारी की थी, जबकि एक पूर्व पार्षद की ‘फेसबुक लाइव' प्रसारण के दौरान हत्या कर दी गई थी। कांग्रेस ने सिद्दीकी की हत्या को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के इस्तीफे की मांग की। मुंबई में बांद्रा के खेर नगर इलाके में बाबा सिद्दीकी के बेटे एवं विधायक जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के बाहर शनिवार रात करीब साढ़े नौ बजे तीन लोगों ने उन्हें गोली मार दी थी। उन्हें लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
इस घटना के बाद विपक्ष महाराष्ट्र की कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर सवाल उठा रही है। पाटिल ने कहा कि सिद्दीकी की हत्या राज्य के लिए “चौंकाने वाली और शर्मनाक” है। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार जारी हैं, जबकि पुणे जैसे शहर में गैंगवार आम बात हो गई है। यह साफ हो गया है कि राज्य में कानून-व्यवस्था चरमरा गई है। अगर सत्तारूढ़ गठबंधन का नेता ही सुरक्षित नहीं है तो सरकार आम आदमी को कैसे सुरक्षित रख सकती है?''
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि सिद्दीकी का दुखद निधन चौंका देने वाला है, जिसे शब्दों में भी बयां नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, ‘‘दुःख की इस घड़ी में मैं उनके परिवार, मित्रों और समर्थकों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। उनके परिवार को न्याय मिलना चाहिए और वर्तमान महाराष्ट्र सरकार को इस घटना की गहन और पारदर्शी जांच का आदेश देना चाहिए। दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिलनी चाहिए। जवाबदेही सर्वोपरि है।''
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्निथला ने दावा किया कि सिद्दीकी की हत्या से पता चलता है कि ‘‘मुंबई में पूरी तरह अराजकता व्याप्त है।'' उन्होंने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘कानून का राज खत्म हो गया है। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को जिम्मेदारी लेते हुए तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।'' शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि सिद्दीकी पूर्व मंत्री और तीन बार विधायक रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि सवाल यह है कि क्या मुंबई में कोई कानून-व्यवस्था बची है। प्रियंका चतुर्वेदी ने पूछा, ‘‘यदि सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति का ऐसा अंजाम होगा तो आम लोग कैसे सुरक्षित महसूस करेंगे?''