हाथरस हादसे के लिए बाबा भी जिम्मेदार : स्वामी राघवानंद
जींद, 10 जुलाई (हप्र)
उत्तर प्रदेश के हाथरस में जो हादसा सत्संग के दौरान हुआ, उसकी जिम्मेदारी से वह शख्स (बाबा) नहीं बच सकता, जिसके प्रवचन सुनने और दर्शन करने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। ऐसे पाखंडियों से समाज को बचना चाहिए।
यह बात स्वामी द्योतराम की 79वीं पुण्यतिथि के मौके पर बुधवार को पिंडारा गांव के डेरा बकतौरी माई में विशाल संत समागम में निर्जन के डेरा घीसापंथी के स्वामी राघवानंद ने कही। बुधवार को पिंडारा में आयोजित संत समागम में सैकड़ों की संख्या में हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और दिल्ली से संत समाज के लोगों ने शिरकत की। बुधवार को विशाल भंडारे के साथ तीन दिवसीय कार्यक्रम का समापन हुआ। पिंडारा के डेरा बकतोरी माई में 8 जुलाई से अखंड पाठ शुरू हुआ था। इसका शुभारंभ स्वामी राघवानंद ने किया। बुधवार को समापन कार्यक्रम में बड़ी संख्या में संत समाज के लोग शामिल हुए। यहां पहले भजन और सत्संग हुआ। इसमें स्वामी राघवानंद ने संगत से आह्वान किया कि वह पाखंड से बचें। आज धर्म के नाम पर बहुत सारे लोग पाखंड को बढ़ावा दे रहे हैं। उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई दुर्घटना का जिक्र करते हुए स्वामी राघवानंद ने कहा कि ऐसे लोगों से समाज को बचना चाहिए, जो खुद को भगवान समझते हैं, और उन लोगों की मौत का कारण बनते हैं, जो उन पर श्रद्धा करते हुए उनके प्रवचन सुनने आए थे। इस मौके पर स्वामी सुखदेवानंद, स्वामी सेवानंद, स्वामी सत्यानंद, स्वामी आत्मानंद आदि विशेष रूप से मौजूद रहे।
आयुर्वेदिक पद्धति से उपचार इस मौके पर निर्जन के संत नेकीराम आयुर्वेदिक चिकित्सालय की डॉ. इशिता चुघ ने सैकड़ों लोगों की जांच की और उनका उपचार किया।