Ayurvedic Health Tips : दादी मां के नुस्खे, रोग तुरंत खिसके
हमारी रसोई, घर व आसपास मौजूद मसाले और फल कई रोगों को दूर रखने के अलावा उनमें राहतकारी भी हैं। इनमें से ज्यादातर रोजमर्रा में खाए जाते हैं, लेकिन साथ-साथ औषधीय गुणों से युक्त हैं। जानिए इनके बारे में :
सिरका
जहरीला कीड़ा काटने पर आटे में सिरका डालकर लेप लगाने से आराम मिलता है।
काले चने
यदि किसी कारणवश गला बैठ जाए तो मुट्ठीभर काले चने भिगो दें। सुबह चने ग्राइंड करके एक पाव दूध में उबाल लें। दो चम्मच शहद मिलाकर घूंट-घूंट करके पिएं।
जलेबियां दूध में
जुकाम होने पर गर्मा-गर्म जलेबियां दूध में फैंट कर खाएं और सो जाएं। सुबह तक ठीक हो सकते हैं।
गेहूं-चने उबालकर प्रयोग
पथरी गुर्दे की हो या मूत्राशय की, गेहूं-चने उबालकर छानकर पी लें। बाकी बचे हुए को पीसकर रोटी बनाकर खा लें। बहुत संभव है एक-डेढ़ माह में पथरी निकल जाए।
अजवायन व गंधक
चमड़ी रोग होने पर अजवाइन खुरेशानी एक तोला, अजवायन देसी एक तोला, गन्धक आमलसार एक तोला,काली मिर्च एक तोला, नीला थोथा छह माशे को एक साथ कूटकर पाउडर बना लें। पाउडर को कपड़े से छानकर एक पाव सरसों के तेल में मिला लें। धूप में बैठकर मालिश करें। फिर गर्म पानी से नहा लें।
नोट: इन प्राकृतिक औषधियों का उपयोग करते समय सावधानी बरतें और किसी भी संदेह की स्थिति में चिकित्सक या वैद्य की सलाह जरूर लें।
प्रस्तुति : सुदर्शन