रोहतक में मायोपिया के प्रति किया जागरूक
रोहतक, 20 नवंबर (निस)
मायोपिया आंखों की एक आम समस्या है, जिसमें व्यक्ति को दूर की वस्तुओं को देखने में परेशानी होती है, लेकिन निकट की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देख सकता है। मायोपिया में दूर की चीजें धुंधली दिखती हैं। आंखों की ये समस्या बच्चों में ज्यादा देखी जाती है, कुछ मामलों में ये बीमारी जेनेटिक कारणों से भी हो सकती है। मायोपिया में डॉक्टर नजर का चश्मा लगाने की सलाह देते हैं। मायोपिया के मामले हर साल बढ़ रहे हैं, लेकिन इस बीमारी को लेकर लोगों में जागरूकता की कमी है। यह कहना है पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. अनीता सक्सेना का।
वे बुधवार को चौधरी रणबीर सिंह ओपीडी में आरआईओ द्वारा मायोपिया को लेकर लगाई गई पोस्टर प्रदर्शनी में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंची थीं। कुलसचिव डॉ. एचके अग्रवाल ने कहा कि अध्ययन में पाया जा रहा है कि खराब लाइफस्टाइल और लंबे समय तक स्क्रीन का यूज करने से बच्चे मायोपिया के शिकार हो रहे है। आरआईओ विभागाध्यक्ष डॉ. आरएस चौहान ने कहा कि आंखों की बीमारियां हर उम्र के लोगों को प्रभावित कर रही हैं। इस मौके पर अटल बिहारी मेडिकल कॉलेज फरीदाबाद के निदेशक डॉ. बीएम वशिष्ठ, डॉ. मनीषा राठी, डॉ. मनीषा नाडा, डॉ. अशोक राठी, डॉ. सुमित सचदेवा, डॉ.
जितेंद्र फोगाट और डॉ. ज्योति उपस्थित रहे।