Awards at ISGCON 2024: पीजीआई के गैस्ट्रो विशेषज्ञों ने ISGCON 2024 में जीते कई पुरस्कार
विवेक शर्मा/चंडीगढ़, 14 दिसंबर, ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
Awards at ISGCON 2024: पीजीआई चंडीगढ़ के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग ने वाराणसी, उत्तर प्रदेश में 4 से 7 दिसंबर तक आयोजित इंडियन सोसाइटी ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी (ISGCON 2024) के 65वें वार्षिक सम्मेलन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए कई पुरस्कार अपने नाम किए।
इस सम्मेलन में विभाग के वरिष्ठ रेजिडेंट, शोधार्थियों और फैकल्टी ने भाग लिया। फैकल्टी सदस्यों को विशेषज्ञ वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया था। विभाग ने विभिन्न श्रेणियों में कई पुरस्कार जीते।
पुरस्कार विजेताओं की सूची:
डॉ. गौरव अग्रवाल ने प्रो. उषा दत्ता (विभागाध्यक्ष, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी) के मार्गदर्शन में "अल्सरेटिव कोलाइटिस में कम विटामिन-डी रिसेप्टर एक्सप्रेशन के जोखिम कारक" पर पोस्टर प्रस्तुत किया और इसे दूसरा स्थान मिला।
डॉ. हरमनजीत कौर ने प्रो. जे.एस. ठाकुर और प्रो. उषा दत्ता के निर्देशन में "पंजाब में कार्सिनोमा इसोफेगस के लिए कीटनाशकों के जोखिम कारक" पर अपना पोस्टर प्रस्तुत किया और तीसरा स्थान हासिल किया।
डॉ. आशुतोष ईशान यादव ने डॉ. विनीथ जर्थ के मार्गदर्शन में "एच. पाइलोरी संक्रमण के डायग्नोसिस" पर शोध प्रस्तुत किया और इसे लुमिनल ओरल पेपर श्रेणी में पहला स्थान मिला।
डॉ. राधिका खोसला ने प्रो. उषा दत्ता के निर्देशन में "विटामिन-डी रिसेप्टर एक्सप्रेशन और म्यूकोसल इंफ्लेमेशन" पर पोस्टर प्रस्तुत किया और लुमिनल पोस्टर श्रेणी में तीसरा स्थान जीता।
विशेष सम्मान:
पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. राकेश कोछड़ को गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के क्षेत्र में उनके असाधारण योगदान के लिए "आईएसजी पी.एन. छुत्तानी लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड 2025" से सम्मानित किया गया।
डॉ. जिमिल शाह को 2024 के लिए इंडियन सोसाइटी ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी (FISG) का फेलो चुना गया।
डॉ. रिंकल काकड़िया को उनके शोध कार्य के लिए "सर्वश्रेष्ठ थीसिस पुरस्कार" प्राप्त हुआ।
प्रो. के.के. प्रसाद को इंडियन सोसाइटी ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी (MISG) का मास्टर चुना गया।
डॉ. विशाल शर्मा और डॉ. मधुमिता प्रेमकुमार को "इंडियन जर्नल ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी" के प्रबंधन में उत्कृष्ट संपादकीय भूमिका के लिए सम्मानित किया गया।
गौरतलब है कि पीजीआई का गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग देश में डीएम गैस्ट्रोएंटरोलॉजी कार्यक्रम शुरू करने वाला पहला संस्थान है और यह क्षेत्र में विशेषज्ञ प्रशिक्षण और अनुसंधान में अग्रणी है।