मातृभूमि शिक्षा मंदिर का पुरस्कार वितरण समारोह
पिपली (कुरुक्षेत्र) (निस)
शिक्षा के बिना हमारा जीवन अधूरा लगता है। शिक्षा के बिना हम ज्ञान, समझ और सोचने की क्षमता से वंचित रह जाते हैं। यह एक ऎसा माध्यम है जो हमें समझने और सीखने में मदद करता है और हमारे व्यक्तिगत और सामाजिक विकास को बढ़ावा देता है। शिक्षा का अंतिम लक्ष्य केवल ज्ञान नहीं बल्कि कार्य होना चाहिए। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, सभी प्रकार के लोगों को शिक्षा के महत्व और इस लगातार बदलती दुनिया में शिक्षित होने के लाभों को समझाना महत्वपूर्ण है। यह विचार मातृभूमि शिक्षा मंदिर के वार्षिक परीक्षा परिणाम एवं पुरस्कार वितरण कार्यक्रम के उपलक्ष्य में आयोजित प्रतिभा संवाद कार्यक्रम में मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने व्यक्त किये। विद्यर्थियों ने विभिन्न विधाओं में अनेक देशभक्ति से परिपूर्ण संस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर उपस्थित जनों का मन मोह लिया। विद्यार्थिओ को संबोधित करते हुए डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा शिक्षा केवल ज्ञानार्जन करना नहीं है, इसका अर्थ खुश रहने, दूसरों को खुश करने, दूसरों की मदद करने, दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करने आदि के तरीकों को सीखना है।