मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

9.50 करोड़ से वीटा मिल्क प्लांट का ऑटोमेशन शुरू, 31 मार्च तक हो जायेगा फुली ऑटोमेटिक

10:08 AM Oct 30, 2023 IST
जींद का वीटा मिल्क प्लांट तथा (इनसेट) प्लांट के चेयरमैन और डीसी मोहम्मद इमरान रजा। -हप्र

जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 29 अक्तूबर
जींद में सरकारी क्षेत्र का वीटा मिल्क प्लांट अगले साल 31 मार्च तक फुली ऑटोमेटिक हो जाएगा। इस पर लगभग साढ़े 9 करोड़ की राशि खर्च होगी। प्लांट के ऑटोमेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। फुली ऑटोमेटिक हो जाने के बाद इसमें तैयार होने वाले दही, पनीर और दूध की प्रोसेसिंग इंटरनेशनल मानकों पर हाइजेनिक हो जाएगी।
वीटा मिल्क प्लांट हरियाणा के सहकारी क्षेत्र के सबसे बड़े मिल्क प्लांटों में शुमार है। इस मिल्क प्लांट के साथ जींद, फतेहाबाद और हिसार के हजारों दूध उत्पादक किसान जुड़े हुए हैं। जींद के वीटा प्लांट के देसी घी की डिमांड प्रदेश में सबसे ज्यादा रहती है। इस समय वीटा प्लांट में दूध की प्रोसेसिंग और उसके बाद दूध से दही, पनीर आदि बनाने का काम मैनुअल तरीके से हो रहा है। मैनुअल तरीके से उत्पाद तैयार करने में हाइजेनिक स्टैंडर्ड बनाए रखने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है। साढ़े 9 करोड़ की राशि खर्च होने के बाद वीटा मिल्क प्लांट में दूध की प्रोसेसिंग और दही तथा पनीर बनाने में किसी तरह की मैनपावर का इस्तेमाल नहीं होगा। सारा काम मशीनें ऑटोमेटिक तरीके से करेंगी। इससे वीटा के उत्पाद अंतर्राष्ट्रीय हाइजेनिक स्टैंडर्ड के हो जाएंगे।

Advertisement

रोज 90 हजार लीटर दूध की प्रोसेसिंग

वीटा प्लांट में इस समय लगभग 90,000 लीटर दूध की प्रोसेसिंग प्रतिदिन हो रही है। इसमें से वीटा मिल्क प्लांट हर रोज लगभग 55000 लीटर दूध की सेल अपने बूथों और दूसरे केंद्रों के नेटवर्क से कर रहा है। इसके बाद जो दूध बच जाता है, उससे वीटा मिल्क प्लांट में देसी घी, दही, पनीर, छाछ, जलजीरा पिन्नी आदि बनाई जाती हैं।

350 सोसायटियां कर रही दूध सप्लाई

वीटा प्लांट का दूध सप्लाई का नेटवर्क जींद, हिसार और फतेहाबाद जिलों तक फैला हुआ है। इन तीन जिलों की 350 सहकारी सोसायटियां प्लांट को दूध सप्लाई कर रही हैं। इनसे लगभग 15000 किसान जुड़े हुए हैं।

Advertisement

वीटा मिल्क प्लांट की ऑटोमेशन प्रक्रिया शुरू हो गई है। 31 मार्च 2024 तक काम पूरा हो जाएगा। यह प्रदेश का सहकारी क्षेत्र का ऐसा पहला मिल्क प्लांट होगा, जो दूध की प्रोसेसिंग से लेकर दही तथा पनीर आदि बनाने में पूरी तरह से ऑटोमेटिक होगा।
-मोहम्मद इमरान रजा, वीटा मिल्क प्लांट के चेयरमैन व डीसी, जींद

Advertisement