रामभक्तों पर फायरिंग के मंजर को अभी तक नहीं भूले अतुल चौहान
जींद, 13 जनवरी (हप्र)
अयोध्या में राम मंदिर के लिए असंख्य रामभक्तों ने अपना खून बहाया है। जयति जयंती हिंदू महान संगठन के राष्ट्रीय संयोजक अतुल चौहान को आज भी वह मंजर याद है, जब उन्होंने अयोध्या में रामभक्तों का खून बहते देखा था। इसके बाद महीनों छिपकर राम भक्तों ने अपनी जान बचाई।
अतुल चौहान बताते हैं कि तब वह स्कूल में थे और श्रीराम मंदिर निर्माण को लेकर जुनून था। पहली कार सेवा 30 अक्तूबर 1990 और दूसरी कार सेवा 20 नवंबर 1990 को हुई थी। अतुल ने स्कूल से बंक किया था और रामभक्तों के साथ चल दिये। दूसरी कार सेवा के समय हजारों राम भक्तों का जत्था जब राम मंदिर की तरफ बढ़ने लगा था, तब हनुमान गढ़ी के पास उन पर गोलियां चलवा दी गई थी। गोलियां रामभक्तों के पैरों पर नहीं चलाकर सीधे छाती में मारी जा रही थी। उस दौरान कुछ नजर आ रहा था तो खून ही खून और गोली लगने के बाद की चीख पुकार। इस घटना में कई लोग शहीद भी हो गए थे। इस दौरान रामभक्त केवल जय श्रीराम का जयकारा लगा रहे थे। अतुल चौहान बताते हैं कि राम भक्तों पर गोलियां चलने के बाद सभी राम भक्त अपने आपको बचाने के लिए छिप गए। स्थानीय प्रशासन हर घर की तलाशी ले रहे थे और हर अंजान व्यक्ति को पकड़ कर गिरफ्तार किया जा रहा था। रामभक्तों को शारीरिक और मानसिक यातनाएं दी जा रही थी।