सामुदायिक पहुंच पर ध्यान भी जरूरी
शिमला, 6 जनवरी (हप्र)
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज राजभवन शिमला में हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल के स्थापना दिवस समारोह और हिमाचल आपदा तैयारी माह के समापन के दौरान प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को कम करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया। राज्यपाल ने उत्कृष्ट प्रयासों, सामाजिक जुड़ाव और योगदान के लिए एचपी-एसडीआरएफ की सराहना की।
राज्यपाल ने एचपी-एसडीआरएफ को स्थापना दिवस पर बधाई देते हुए राष्ट्रीय स्तर पर आपदाओं के आर्थिक और मानवीय मूल्य को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि भारत में आपदाओं के कारण अनुमानित वार्षिक 55,000 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान होता है।
राज्यपाल ने कहा कि भौगोलिक और जलवायु परिस्थितियां हिमाचल प्रदेश को भूस्खलन, भारी बर्फबारी और भूकंप जैसी आपदाओं के लिए अत्यधिक संवेदनशील बनाती हैं। वर्ष 2023 में भीषण बाढ़ और भूस्खलन का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने एक सुदृढ़ आपदा प्रबंधन प्रणाली की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने एसडीआरएफ की 6 जनवरी, 2020 को स्थापना के बाद से नागरिकों की सुरक्षा और प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावी ढंग से निपटने की भूमिका पर भी प्रकाश डाला।
राज्यपाल ने 148 तलाशी एवं बचाव मिशन आयोजित करने, 302 लोगों की जिंदगी बचाने, 150 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकालने और 117 पीड़ितों के शवों को बरामद करने के लिए एसडीआरएफ की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि चूड़धार में फंसे दो अमेरिकी नागरिकों को सुरक्षित बचाना, श्रीखंड महादेव, मणिमहेश तीर्थयात्राओं और मंडी जिले के नगवाईं में रेस्क्यू एसडीआरएफ के उल्लेखनीय अभियान रहे।
उन्होंने आपदा तैयारियों को प्रोत्साहित करने के लिए एचपी-एसडीआरएफ को सामुदायिक पहुंच पर भी ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों के निरंतर विस्तार की अपील की ताकि प्रदेश के सभी नागरिक आपात स्थितियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहें।
उन्होंने आपदा प्रतिक्रिया कार्यों में ड्रोन जैसे उन्नत उपकरणों को एकीकृत करने, गोताखोरी, पर्वतारोहण और चिकित्सा प्राथमिक प्रतिक्रिया जैसे क्षेत्रों में अपने कर्मचारियों को दिए गए विशेष प्रशिक्षण के लिए एसडीआरएफ की सराहना की।
इस अवसर पर राज्यपाल ने नौ स्वयंसेवकों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया। इनमें संत निरंकारी चेरिटेबल फाउंडेशन (एसएनसीएफ), शिमला जोनल इंचार्ज कप्तान एनपीएस भुल्लर, बाबासाहेब अंबेडकर वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष प्रीतपाल सिंह मट्टु, एडुकेयर धर्मशाला के कार्यक्रम निदेशक हरजीत भुल्लर, डुअर्स एनजीओ के कार्यक्रम निदेशक नवनीत यादव, माहूनाग डाइविंग एसोसिएशन सुन्दरनगर, एआईएमएसएस चमियाना एमबीबीएस रेजिडेंट डॉ. उदय भूषण शर्मा, जिला मंडी के राजवन गांव के राकेश कुमार, विजय कुमार और हिमालयन एडवेंचर सर्च एंड रेस्क्यू टीम भुंतर, जिला कुल्लू के छापे राम नेगी शामिल हैं।
राज्यपाल ने हिमाचल प्रदेश एसडीआरएफ की वार्षिक रिपोर्ट भी प्रस्तुत की और चुनौतिपूर्ण स्थितियों के दौरान आपदा बल के उत्कृष्ट कार्यों की सराहना की। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सतवंत अटवाल त्रिवेदी ने इस मौके पर कहा कि यह बल साहस और आशा का प्रतीक है।