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संविधान पर हमला गरीबों के अधिकारों पर हमला

08:37 AM Jan 07, 2024 IST
संविधान पर हमला गरीबों के अधिकारों पर हमला
करनाल में राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा शनिवार को सम्मेलन में कार्यकर्ताओं का अभिवादन स्वीकार करते हुए। -हप्र

करनाल, 6 जनवरी (हप्र)
राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने शनिवार को सेक्टर-12 स्थित जाट भवन में दलित एकता सम्मेलन को संबोधित किया और कहा कि आज देश में ऐसी ताकतें काबिज हैं जो डॉ. अंबेडकर द्वारा दिए गए संविधान को बदलने और खत्म करने पर आमादा हैं। मौजूदा सरकार लोकतंत्र की हत्या करने और संविधान को कुचलने के लिये कदम बढ़ा रही है। संविधान पर हमला हिंदुस्तान के गरीब आदमी के अधिकारों पर हमला है। संवैधानिक संस्थाएं जो लोकतंत्र को मजबूत करने के लिये बनी हैं उनका गला घोंटकर तानाशाही स्थापित करने का प्रयास हो रहा है ताकि गरीब के अधिकारों को मारा जा सके। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार के आंकड़े बता रहे हैं कि वर्ष-2014 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से हरियाणा में दलितों के खिलाफ अपराधों में 96.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। हरियाणा दलित उत्पीड़न में भी नंबर वन बन गया। 2014 में दलित समाज के खिलाफ अपराध 16.2 से बढ़कर 38.8 प्रतिशत पर पहुंच गया, यानी दलितों के खिलाफ अपराध दो-ढाई गुना बढ़ गया।एससी समाज के लोगों की मांग पर दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि जिस प्रकार करनाल में हुड्डा सरकार ने बाबा साहब के नाम पर छात्रावास का निर्माण कराया, उसी प्रकार हरियाणा के हर जिले, हर शहर में बाबा साहब, गुरु रविदास, संत कबीर, महर्षि बाल्मिकी के नाम से छात्रावास और धर्मशाला का निर्माण करनाने की इस मांग को कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र में शामिल कराने का प्रयास करेंगे। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि प्रदेश में कौशल निगम के जरिये पक्की नौकरियों को कच्चे में बदला जा रहा है जहां आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है। इस साल होने जा रहे चुनावों के बाद हरियाणा में बदलाव होगा कौशल निगम को खत्म करके खाली पड़े 2 लाख सरकारी पदों पर पक्की भर्ती करने का काम कांग्रेस पार्टी करेगी।

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ये रहे मौजूद

सम्मेलन में पूर्व विधानसभा स्पीकर कुलदीप शर्मा, राष्ट्रीय सचिव प्रदीप नरवाल, त्रिलोचन सिंह, अशोक खुराना, रघबीर संधू, लहरी सिंह, राजकुमार बाल्मीकि, राकेश काम्बोज, अनिल धन्तोडी, फूल सिंह खेडी, महेंदर कादियान, रामशरण भोला, दिव्यांशु बुद्धिराजा, पंकज गाबा, करताराम कश्यप, टेकचंद कैमला, हरीराम साबा, पप्पू लाठर, रानी काम्बोज, रामेश्वर बाल्मीकि, अमरजीत धीमान मौजूद रहे।

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