Atal Shramik-Kisan Canteen : किसानों-मजदूरों को 10 रु में मिलेगा भरपेट भोजन, हरियाणा में बढ़ाकर 600 की जाएंगी कैंटीनों की संख्या
दिनेश भारद्वाज/चंडीगढ़, 3 अप्रैल (ट्रिब्यून न्यूज सर्विस)
Atal Shramik-Kisan Canteen : हरियाणा किसानों व श्रमिकों के लिए अच्छी खबर है। अनाज मंडियों में आने वाले किसानों व मजदूरों के अलावा अब औद्योगिक क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों को भी 10 रुपये में भरपेट भोजन मिलेगा। राज्य की नायब सरकार ने ‘अटल श्रमिक किसान कैंटीन’ की संख्या बढ़ाकर 600 करने का फैसला लिया है। अभी तक प्रदेश में कुल 175 कैंटीन चल रही हैं। 15 अगस्त के दिन राज्य में 200 नई कैंटीन शुरू की जाएंगी।
बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। इतना ही नहीं, अब एचएसआईआईडीसी द्वारा भी प्रदेश के सभी इंडस्ट्रियल एरिया में श्रमिकों के लिए अटल कैंटीन स्थापित की जाएंगी। पूर्व की मनोहर सरकार ने अनाज मंडियों में किसानों व मजदूरों के लिए अटल कैंटीन की शुरूआत की थी। यहां बता दें कि इस कैंटीन में सब्सिडी के आधार पर मात्र 10 रुपये में भरपेट स्वच्छ भोजन उपलब्ध करवाया जाता है।
बैठक में कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजा शेखर वुंडरू, उद्योग विभाग के प्रधान सचिव डी़ सुरेश, श्रम विभाग के प्रधान सचिव राजीव रंजन, विकास एवं पंचायत विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ़ अमित अग्रवाल, सीएम के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ़ साकेत कुमार, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के मुख्य प्रशासक मुकेश कुमार आहूजा, श्रम आयुक्त मनीराम शर्मा, एचएसआईआईडीसी के एमडी सुशील सारवान, उद्योग विभाग के मुख्य समन्वयक सुनील शर्मा, सीएम के ओएसडी भारत भूषण भारती भी मौजूद रहे।
यहां बता दें कि सब्सिडी वाले खाद्य कैंटीनों का प्रबंधन महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के सदस्यों द्वारा किया जाता है। वर्तमान में पूरे राज्य में 175 कैंटीन चल रही हैं। इनमें श्रम विभाग की 115, मार्केटिंग बोर्ड की 53 और चीनी मिलों की 7 कैंटीन शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इन कैंटीनों के लिए स्थानों की पहचान करने का काम जल्द से जल्द शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि चरणबद्ध तरीके से राज्य में 600 ऐसी कैंटीन खोलने का लक्ष्य रखा है।
औद्योगिक क्षेत्रों में भी खुलेंगी
सीएम ने हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे भी प्रदेशभर में कैंटीन स्थापित करें। सभी औद्योगिक क्षेत्रों में कैंटीन शुरू होने से श्रमिकों को साफ-सुथरा व सस्ता भोजन मिल सकेगा। मुख्यमंत्री ने निगम को प्रस्ताव दिया कि इन कैंटीनों के लिए बुनियादी ढांचे को कंपनियों की कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) पहलों के माध्यम से विकसित किया जाए।
कैंटीन के लिए बनेगा पोर्टल
मुख्यमंत्री ने राज्य में संचालित सब्सिडी वाले खाद्य कैंटीनों के लिए एक समर्पित पोर्टल स्थापित करने के निर्देश दिए ताकि इन कैंटीनों के बारे में जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध हो सके। कैंटीनों में भुगतान क्यूआर कोड के माध्यम से किया जा सके, इसके लिए डिजिटल व्यवस्था होगी। उन्होंने कहा कि सभी सब्सिडी वाले खाद्य कैंटीनों में खाद्य पदार्थों का एक समान मेनू अपनाया जाए। उन्होंने इन कैंटीनों में नाश्ता उपलब्ध कराने के महत्व पर बल दिया तथा मजदूरों और किसानों को इडली और डोसा जैसे दक्षिण भारतीय व्यंजन परोसने का सुझाव दिया।