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कोविड टीके से दुष्प्रभाव की बात कबूली एस्ट्राजेनेका ने

07:08 AM May 01, 2024 IST
कोविड टीके से दुष्प्रभाव की बात कबूली एस्ट्राजेनेका ने
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लंदन, 30 अप्रैल (एजेंसी)
ब्रिटेन स्थित फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका ने अपने कोविड टीके के दुष्प्रभाव की बात अदालत में स्वीकार की है। कंपनी ने कहा है कि बहुत दुर्लभ मामलों में यह रक्त के थक्के जमा सकता है और प्लेटलेट की संख्या घटा सकता है। लेकिन इसका कारण अज्ञात है। ब्रिटेन के एक अखबार ने अदालती दस्तावेज के हवाले से यह खुलासा किया है। ‘द डेली टेलीग्राफ’ की रिपोर्ट के अनुसार, यह दस्तावेज लंदन स्थित हाईकोर्ट में 51 याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर मामले में फरवरी में सौंपा गया था।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्राजेनेका के इस टीके का उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने भी किया था। यह वही टीका है जिसे भारत में ‘कोविशील्ड’ कहा जाता है।
हार्ट अटैक का खतरा : लंदन में वाद दायर करने वालों की ओर से पेश हुए वकीलों ने कहा कि वे या उनके प्रियजन, जिन्होंने एस्ट्राजेनेका टीका लगवाया, उनमें एक दुर्लभ लक्षण पाया गया है, जिसे रक्त का थक्का जमना और प्लेटलेट की कमी (टीटीएस) के रूप में परिभाषित किया गया है। टीटीएस के परिणाम संभवत: जानलेवा हैं, जिनमें दिल का दौरा पड़ना, मस्तिष्क को नुकसान पहुंचना, फेफड़े में रक्त प्रवाह बाधित होना शामिल हैं। 51 वादियों में शामिल 12 ने अपने प्रियजनों को खो दिया है। उनका प्रतिनिधित्व कर रही लॉ फर्म में साझेदार सारा मूर ने कहा, ‘सभी वादियों के पास मृत्यु प्रमाण पत्र या मेडिकल साक्ष्य हैं जो इसकी पुष्टि करते हैं कि टीके के कारण मौत हुई व शरीर को नुकसान पहुंचा।’ उन्होंने कहा, ‘एस्ट्राजेनेका को यह स्वीकार करने में एक साल लग गया कि उसके टीके ने यह नुकसान पहुंचाया, जबकि 2021 के अंत से क्लिनिकल समुदाय में यह तथ्य व्यापक रूप से स्वीकार कर लिया गया था।
कंपनी का दावा- ब्रिटिश नियामक को दी थी जानकारी
वादियों का कहना है कि एस्ट्राजेनेका टीका सुरक्षा मानदंडों पर खरा उतरने में नाकाम रहा। हालांकि, एस्ट्राजेनेका ने इन दावों से सख्त इनकार किया है। एस्ट्राजेनेका ने एक बयान में कहा, ‘टीके से संबंधित उत्पाद जानकारी अप्रैल 2021 में ब्रिटेन के नियामक की मंजूरी के साथ अद्यतन की गई थी, जिसमें इस संभावना को शामिल किया गया था कि एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड टीका बहुत ही दुर्लभ मामलों में टीटीएस का कारण बन सकता है। ऐसे में अदालती दस्तावेज में दिया गया संदर्भ कोई नयी चीज नहीं है।’

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