गीता के संदेश को जीवन में करें आत्मसात : महंत
भिवानी, 22 दिसंबर (हप्र)
51 दिवसीय कार्यक्रमों का समापन रविवार को सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा गीता ज्ञान यज्ञ के उपरांत हवन एवं प्रसाद वितरण के साथ किया गया।
कार्यक्रम का समापन स्थानीय हनुमान ढ़ाणी स्थित हनुमान जोहड़ी मंदिर में बालयोगी महंत चरणदास महाराज के सान्निध्य में जारी श्रीमद्भागवत कथा गीता ज्ञान यज्ञ में कथा का वाचन साध्वी करुणा गिरि जी महाराज द्वारा किया गया। 51 दिवसीय गीता जयंती समापन कार्यक्रम के मुख्य यजमान मनोज दीवान एवं सरिता दीवान रहे।
मंदिर के महंत बालयोगी चरणदास महाराज ने बताया कि 51 दिवसीय कार्यक्रमों के दौरान गीता प्रचार रथ, गीता की पुस्तकें भेंट करना, गीता श्लोकाचारण सहित गीता के प्रचार-प्रसार के लिए अनेक कार्यक्रम आयोजित किए, ताकि गीता के महत्व को जन-जन तक पहुंचाया जा सके। इसके उपरांत कार्यक्रमों के अंतिम चरण में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा गीता ज्ञान यज्ञ का आयोजन करवाया गया, जिसका रविवार को हवन एवं प्रसाद वितरण के साथ समापन हुआ।
उन्होंने बताया कि इन कार्यक्रमों का एकमात्र उद्देश्य गीता का अधिक से अधिक प्रचार करना था, ताकि प्रत्येक नागरिक, विशेषकर युवा पीढ़ी को प्रेरित किया जा सकें कि वे गीता के उपदेशों को अपने जीवन में आत्मसात करें, ताकि वे एक सभ्य व संस्कारवान नागरिक बन सकें। उन्होंने बताया कि भागवत कथा के समापन पर हवन और भंडारा कथा के दौरान अर्जित पुण्य का विस्तार है। इससे सामाजिक और आध्यात्मिक लाभ भी प्राप्त होते हैं।