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सरसों की खरीद शुरु होते ही झंझट...

11:07 AM Mar 27, 2024 IST
सरसों की खरीद शुरु होते ही झंझट
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सोनीपत, 26 मार्च (हप्र)
सोनीपत अनाज मंडी में मंगलवार को सरसों की फसल को बेचने के लिए पहुंचे किसानों को निराश होकर वापस लौटना पड़ा। सरकारी खरीद शुरु होते ही किसान सुबह से ही ट्रैक्टर-ट्राली में सरसों लेकर अपने पूरे कागजात के साथ मंडी में पहुंच गये, लेकिन किसानों का गेट पास ही नही कट पाया। कारण पोर्टल पर किसानों का रिकॉर्ड ही नहीं मिल। पोर्टल पर रिकाडॅ नॉट फाउंड आ रहा था। कई किसान संबंधित पटवारियों के पास फोन मिलाते रहे। पोर्टल पर रिकार्ड अपडेट न होने के कारण खरीद प्रक्रिया शुरू नही हो पाई।
सरकार द्वारा सरसों की सरकारी खरीद प्रक्रिया को पहले 25 मार्च और बाद में 26 मार्च से शुरू करने का फैसला किया था। सरसों की सरकारी खरीद प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन तरीके से होती है। सरकार सिर्फ उन्हीं किसानों की फसलें खरीदती है कि जिन किसानों ने मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर फसलों का पंजीकरण करवाया हुआ होता है। पोर्टल पर किसान का रिकार्ड दर्ज होने पर ही मंडी का गेट पास कटता है, परंतु मंगलवार को पहले दिन पोर्टल पर किसानों का रिकार्ड अपडेट नही था। मंगलवार को अनाज मंडी में पहुंचे किसानों ने सरकार के उस नियम के खिलाफ भी रोष प्रकट किया, जिसके तहत सोनीपत के किसानों को प्रति एकड़ सिर्फ 6 क्विंटल सरसों बेचने का अधिकार दिया गया है। नाराज किसानों ने बताया कि अन्य जिलों में सभी किसानों को प्रति एकड़ 8 क्विंटल सरसों बेचने का हक दिया गया है। किसानों ने सरकार से मांग की कि सोनीपत के किसानों की भी 8 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से सरसों खरीदी जाये।

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आेपन मार्केट में न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर हो रही ख्ारीद

सरकार द्वारा सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5650 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। हालांकि मौजूदा समय में ओपन मार्किट में किसानों को सरसों का भाव 4800 रुपए से लेकर 5000 रुपये प्रति क्विंटल तक मिल रहा है। आढ़तियों की माने तो ओपन मार्केट में पहुंचने वाली सरसों में अभी नमी की मात्रा 33 प्रतिशत तक बनी हुई है। जिसके कारण भाव कम बना हुआ है। नमी कम होने पर सरसों के भाव में भी बढ़ोतरी दर्ज होगी। मौजूदा समय में किसान नमी युक्त सरसों लेकर पहुंच रहे हैं। सरकारी खरीद के लिए नमी की मात्रा काफी कम होनी चाहिये।

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