कृत्रिम बुद्धिमत्ता और क्वांटम कंप्यूटिंग वक्त की जरूरत : प्रो. सूद
जोगिंद्र सिंह/ट्रिन्यू
चंडीगढ़ 1 अक्तूबर
वैश्विक मोर्चे पर अग्रणी बनने के लिए आज कृत्रिम बुद्धिमत्ता और क्वांटम कंप्यूटिंग को अपनाने की आवश्यकता है। दुनिया दूसरी क्वांटम क्रांति की ओर बढ़ रही है। विभिन्न देश अब क्वांटम वर्चस्व के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं और हर देश क्वांटम गणना, जलवायु भविष्यवाणी, संचार और मेट्रोलॉजी में अपनी विशाल क्षमता से घबराया हुआ है। ये विचार आज देश के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय कुमार सूद ने आज पंजाब यूनिवर्सिटी के स्थापना दिवस पर प्राण नाथ वोहरा व्याख्यान में व्यक्त किये। प्रो. सूद ने कई संस्थानों में शोध कार्य और आउटपुट कम होने पर चिंता जतायी। साथ ही एचडीआई इंडेक्स पर बजट को तिगुना किये जाने की बात कही। कार्बन उत्सर्जन घटाते हुए देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिये कोयला, गैस, परमाणु, हाइड्रो, सोलर आदि स्रोतों से समुचित दोहन पर फोकस करना होगा। उन्होंने भारत में अनुसंधान एवं विकास और उच्च शिक्षा की विकास कहानी का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि स्टैनफोर्ड 2 प्रतिशत शोधकर्ताओं की सूची में भारतीय वैज्ञानिकों की संख्या पिछले चार वर्षों में दोगुनी से अधिक हो गई है। लेकिन, ‘जीडीपी के प्रतिशत के रूप में सकल अनुसंधान एवं विकास व्यय’ और ‘प्रति दस लाख जनसंख्या पर पूर्णकालिक अनुसंधान एवं विकास कर्मियों की संख्या’ कम है, इसे और मजबूत करने की जरूरत है।
प्रो. सूद ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। ‘सभी के लिए एआई’ हासिल करने के लिए भारत को डिजिटल विभाजन की खाई को पाटने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एआई शिक्षा और कौशल विकास में निवेश करें और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा दें। एआई में भारत में स्वास्थ्य देखभाल में क्रांति लाने, कृषि में बदलाव लाने और शिक्षा को सशक्त बनाने की क्षमता है।
पीयू ने प्रतिष्ठित रसायनशास्त्री और कैमिस्ट्री के पूर्व अध्यक्ष डॉ. ओम प्रकाश विग की 100वीं जयंती भी मनाई। इस मौके पर डॉ. विग के जीवन, उपलब्धियों और वैज्ञानिक योगदान का विवरण देने वाली एक उनकी जीवनी भी जारी की गई। डाक विभाग द्वारा एक विशेष कवर का अनावरण किया गया। कुलपति प्रो. रेनू विग ने प्रोफेसर अजय सूद को प्राण नाथ वोहरा प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया। अजय कुमार सूद ने अपने संबोधन में डॉ. ओम प्रकाश विग के योगदान को याद किया।