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पहली बार स्टेम सेल से बना कृत्रिम मानव भ्रूण

11:36 AM Jun 16, 2023 IST
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ट्रिब्यून न्यूज सर्विस

नयी दिल्ली, 15 जून

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अमेरिका और यूके के वैज्ञानिकों ने अंडाणु या शुक्राणु का उपयोग किए बिना दुनिया का पहला कृत्रिम मानव भ्रूण मॉडल विकसित करने में बड़ी सफलता हासिल की है। कैम्िब्रज विश्वविद्यालय और कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने इसे स्टेम सेल्स (मूल कोशिका) से विकसित किया है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि इन संरचनाओं में मस्तिष्क या हृदय जैसा कोई अंग नहीं है और ये मानव विकास के बहुत प्रारंभिक चरण में हैं। लेकिन इनमें ऐसी कोशिकाएं हैं, जो आगे चलकर गर्भनाल और भ्रूण का निर्माण कर सकती हैं।

बोस्टन में बुधवार को आयोजित ‘इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर स्टेम सेल रिसर्च’ की वार्षिक बैठक में इस शोध के निष्कर्ष सामने आये।

कैम्िब्रज विश्वविद्यालय की मैग्डालेना ज़र्निका-गोएत्ज़ ने सभा को बताया, ‘हम भ्रूण स्टेम कोशिकाओं की पुन: प्रोग्रामिंग द्वारा मानव भ्रूण जैसे मॉडल बना सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि उनकी प्रयोगशाला में बनाए गए भ्रूण जैसे मॉडल एकल मानव ‘एम्ब्रीयानिक स्टेम सेल’ से बनाए गए, जो तीन अलग-अलग ऊतक परतों में विकसित हुए।

गोएत्ज़ ने अमेरिकी मीडिया को बताया कि उन्होंने जो भ्रूण मॉडल बनाए हैं, उनमें जर्म कोशिकाएं हैं, जो अंडे और शुक्राणु में विकसित होंगी। उन्हाेंने कहा, ‘मैं इस बात पर जोर देना चाहती हूं कि ये मानव भ्रूण नहीं हैं। ये भ्रूण के मॉडल हैं, जो मानव भ्रूण के समान हैं और बार-बार होने वाले गर्भपात या आनुवंशिक विकारों के पीछे के कारणों को समझने में मदद कर सकते हैं। यह पहली बार है जब तीन ऊतक परतों के साथ एक मानव मॉडल भ्रूण बनाया गया है।’

ब्रिटिश मीडिया ने विशेषज्ञों के हवाले से कहा कि कृत्रिम मानव भ्रूण के क्लिनिकल उपयोग की तत्काल कोई संभावना नहीं है और उन्हें गर्भ में प्रत्यारोपित करना अवैध होगा। अभी कृत्रिम मानव भ्रूण टेस्ट ट्यूब तक ही सीमित हैं।

जिंदगी बचाने के लिए है यह शोध

विदेशी मीडिया ने परियोजना से जुड़ी वैज्ञानिक गोएत्ज़ के हवाले से कहा, ‘हमारा उद्देश्य जीवन का निर्माण करना नहीं, बल्कि इसके नुकसान को रोकना है और यह समझना है कि निषेचन और आरोपण (इम्प्लांटेशन) के बाद भी कभी-कभी भ्रूण विकसित क्यों नहीं हो पाते।’ इससे पहले गाेएत्ज़ ने इस्राइल में एक टीम के साथ चूहे के स्टेम सेल्स से मॉडल भ्रूण बनाने की जानकारी दी थी, जिसमें लगभग आठ दिनों के विकास के बाद मस्तिष्क और दिल बनने की शुरुआत दिखाई दी थी।

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