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गिरफ्तार अधिकारियों और ठेकेदारों को भेजा रिमांड पर

10:15 AM May 30, 2024 IST
कैथल में बुधवार को घपले के आरोपियों को अदालत में पेश करते एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम के सदस्य। -हप्र

कैथल, 29 मई (हप्र)
जिला परिषद के सफाई घोटाले में अधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद प्रदेशभर में यह मामला चर्चित बन गया है। बुधवार को एंटी करप्शन ब्यूरो ने गिरफ्तार एक्सईएन, एसडीओ, अकाउंटेंट व 4 ठेकेदारों को अदालत में पेश किया। अदालत ने सभी को दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है। घोटाले का मास्टर माइंड आरोपी डिप्टी सीईओ गिरफ्त से बाहर है। जिला परिषद में सफाई के नाम पर किया गए घोटाले के तहत सबसे अधिक राजौंद और कलायत में सबसे अधिक गबन किया गया है। शुरूआती जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी जब गांव में सफाई का कार्य करवाते थे तो एक ही मस्ट्रोल यानि लेबर से एक गांव में काम करवाते थे। उसी समय में इस मास्ट्रोल यानि लेबर को दूसरे गांवों में किए गए काम को दिखा देते थे। एबीसी ने दूसरे अधिकारियों के खाते में ट्रांसफर रकम का खुलासा कर दिया था, लेकिन अकाउंटेंट कुलवंत के खाते में कोई रकम ट्रांसफर नहीं हुई। मंगलवार को कैथल की जिला परिषद में कोविड के दौरान हुए सफाई घोटाले में एबीसी ने पंचायती राज के जेई जसबीर सिंह, अकाउंटेंट कुलवंत के साथ इसी मामले में पंचायती राज के ठेकेदार दिलबाग सिंह, गांव फतेहपुर निवासी अभय संधू, ठेकेदार राजेश व पुंडरी निवासी अनिल पुत्र शशि भूषण को गिरफ्तार किया था।

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सीएम ने लिया था संज्ञान
कैथल के विधायक लीलाराम ने कहा कि रामपाल माजरा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जिला परिषद में घोटाले की बात उजागर की थी। उन्होंने इस बात को उठाया था। उन्होंने इस मामले में किसी की शिकायत नहीं की बल्कि मुद्दा उजागर होने के बाद मुख्यमंत्री ने खुद संज्ञान लिया था। अगर किसी ने जनता के पैसे में भ्रष्टाचार किया है तो उसे उजागर किया जाना चाहिए।

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