1041 करोड़ की 5 मेगा परियोजनाओं को स्वीकृति
चंडीगढ़, 12 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा एंटरप्राइज प्रमोशन बोर्ड (एचईपीबी) ने विभिन्न जिलों में पांच मेगा परियोजनाओं के लिए कुल 1041 करोड़ रुपये से अधिक के महत्वाकांक्षी प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की है। प्रदेश सरकार द्वारा 300 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन के वादे के साथ, ये परियोजनाएं आर्थिक परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये प्रोजेक्ट न केवल राज्य में महत्वपूर्ण निवेश आकर्षित करेंगे बल्कि 7100 से अधिक युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा करेंगे।
उन्होंने कहा कि इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को काफी बढ़ावा मिलेगा। ये परियोजनाएं विकास और निवेश को बढ़ावा देने के लिए राज्य की अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक हैं। नक्षत्र बायोफ्यूल्स इथेनॉल उत्पादन के लिए और पेट्रोल में मिश्रण के लिए भारत सरकार के इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम (ईबीपी) के तहत 380 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। इंद्री (करनाल) में स्थापित होने वाली यह परियोजना मुख्य फीडस्टॉक के रूप में टूटे हुए चावल के अनाज से फस्ट जेनेरेशन (1जी) इथेनॉल का उत्पादन करेगी।
छछरौली (यमुनानगर) में ऑर्गो फार्मा एंड फ्यूल्स ने थोक दवा निर्माण के लिए एक्टिव फार्मा इंग्रीडिएंट (एपीआई) उत्पादन में 107.21 करोड़ रुपये का निवेश करने की तैयारी की है। सरकार कंपनी को 18.16 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन देगी।
मिंडारिका प्राइवेट लिमिटेड (ऑटो कंपोनेंट विनिर्माण क्षेत्र में एक प्रमुख इकाई) फरुखनगर (गुरुग्राम) में 351 करोड़ रुपये के निवेश करेगी। पूंजी निवेश से परे, यह परियोजना लगभग 2900 युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाएगी। राज्य सरकार कंपनी को 114.40 करोड़ रुपये का इंसेंटिव देगी। इसी तरह यूनोमिंडा ईवी सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड, फरुखनगर (गुरुग्राम) में 203 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इस परियोजना न केवल राज्य में पूंजी निवेश को बढावा मिलेगा बल्कि 3643 युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होगे।
उन्होंने कहा कि सरकार टिकाऊ, नवीन परिवहन समाधानों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कंपनी को 126.45 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन देगी। ऑटोमोटिव क्षेत्र में मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड को आईएमटी रोहतक में 100 एकड़ भूमि में अपनी अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) सुविधाओं का विस्तार करने की अनुमति दी गई है। यह विस्तार ऑटोमोटिव अनुसंधान और नवाचार को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे ऑटोमोटिव उद्योग में हरियाणा की स्थिति और मजबूत होगी।