आबकारी अधिनियम में कड़े संशोधन को दी मंजूरी
शिमला, 5 सितंबर(हप्र)
हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने राज्य आबकारी संशोधन विधेयक 2014 को पारित कर दिया। इस विधेयक में अवैध शराब बनाने और इसके अवैध धंधे पर अंकुश लगाने के लिए पहले से अधिक कड़े प्रावधान किये गए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज ये विधेयक चर्चा के लिए प्रस्तुत किया, जिसमें अवैध शराब व्यापार से संबंधित बढ़ती चुनौतियों का समाधान करने की आवश्यकता पर बल दिया गया है। अवैध शराब बेचने के कारण कभी-कभी लोगों की जान भी चली जाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संशोधन विधेयक में शराब के उत्पादन, बिक्री और परिवहन को विनियमित करने के प्रावधान हैं। लेकिन अवैध शराब बनाने और खपत के बढ़ते मामलों के साथ, दंड को बढ़ाना और प्रवर्तन प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना आवश्यक हो गया है। संशोधित प्रावधानों का उद्देश्य आबकारी अपराधों से संबंधित जांच और परीक्षणों की प्रभावशीलता में सुधार करना है। संशोधनों में नाबालिगों को शराब बेचने, शराब से संबंधित गतिविधियों में नाबालिगों को नियोजित करने, गैरकानूनी उत्पादन और बिक्री और शराब के साथ हानिकारक पदार्थों को मिलाने जैसे अपराधों के लिए कठोर दंड भी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, धोखाधड़ी की गतिविधियों के लिए लाइसेंस धारकों या उनके कर्मचारियों पर कठोर दंड लगाया गया है। सभी अपराधों को अब संज्ञेय के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जिसका अर्थ है कि बिना वारंट के गिरफ्तारी की जा सकती है। दंड लगाया गया है। सभी अपराधों को अब संज्ञेय के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जिसका अर्थ है कि बिना वारंट के गिरफ्तारी की जा सकती है।