Panchang 22 May 2025: अपरा एकादशी कल, भगवान कृष्ण की पूजा से मिलेगा विशेष चमत्कारी फल
चंडीगढ़, 22 मई (ट्रिन्यू)
Apara Ekadashi 2025: अपरा एकादशी व्रत कल यानी शुक्रवार 23 मई को है। इसे अचला एकादशी भी कहा जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित होता है और ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से विशेष चमत्कारी फल प्राप्त होते हैं और जीवन में सुख-शांति एवं समृद्धि का वास होता है।
पंडित अनिल शास्त्री के मुताबिक अपरा एकादशी को अत्यंत शुभ दिन माना जाता है। व्रत करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन व्रती प्रातः काल ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करता है। इसके बाद भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है। तुलसी जी को जल अर्पित कर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना अत्यंत पुण्यदायक माना जाता है। व्रत में फलाहार किया जाता है और रात में जागरण का भी विशेष महत्व होता है। ऐसा विश्वास है कि इस व्रत से पूर्व जन्मों के पाप भी नष्ट हो जाते हैं और व्यक्ति को जीवन में सफलता प्राप्त होती है। अतः यह व्रत श्रद्धा और नियमपूर्वक अवश्य करना चाहिए।
Panchang 22 May 2025: राष्ट्रीय मिति ज्येष्ठ 01, शक संवत 1947
विक्रम संवत 2082
दिनांक (अंग्रेजी) 22 मई 2025 (गुरुवार)
चंद्र मास ज्येष्ठ, कृष्ण पक्ष
तिथि दशमी (रात्रि 01:13 तक), उपरांत एकादशी आरंभ
नक्षत्र पूर्वाभाद्रपद (सायं 05:47 तक), उपरांत उत्तराभाद्रपद
योग विष्कुंभ (रात्रि 09:49 तक), उपरांत प्रीति योग
करण वणिज (02:18 अपराह्न तक), उपरांत बव करण
राहुकाल अपराह्न 01:30 से 03:00 तक
विजय मुहूर्त दोपहर 02:35 से 03:30 तक
निशीथ काल रात्रि 11:57 से 12:38 तक
गोधूलि बेला शाम 07:08 से 07:28 तक
सौर मास ज्येष्ठ (प्रविष्टे 09)
सूर्य स्थिति उत्तरायण, उत्तर गोलार्ध, ग्रीष्म ऋतु
चंद्रमा की राशि कुंभ (दोपहर 12:08 तक), उपरांत मीन
डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।