For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.

मोबाइल पर एनीडेस्क एप से हो सकती है ठगी, सावधान रहें : एसपी

09:52 AM May 29, 2024 IST
मोबाइल पर एनीडेस्क एप से हो सकती है ठगी  सावधान रहें   एसपी
एसपी आस्था मोदी
Advertisement

फतेहाबाद, 28 मई (हप्र)
पुलिस अधीक्षक आस्था मोदी ने आमजन को सलाह देते हुए कहा कि मोबाइल पर किसी सोशल मीडिया के जरिए एनीडेस्क मोबाइल एप का लिंक फॉरवर्ड होकर आ जाए तो उस पर क्लिक करने से बचें, यह ऐप बैंक खाते के लिए घातक हो सकता है। साइबर शातिर आजकल ऑनलाइन ठगी के लिए एनी डेस्क एप का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि किसी भी दूरस्थ डेस्कटॉप एप को अपने डिवाइस में डाउनलोड न करें। किसी भी व्यक्ति को अपनी आईडी, पासवर्ड, पिन, खाता संख्या आदि की जानकारी न दें। उन्होंने एनीडेस्क नाम के एक रिमोट डेस्कटॉप एप बारे आगाह किया है। एनी डेस्क एप ठगों के लिए एक बहुत ही सरल साधन है, क्योंकि यह उपयोगकर्ताओं को इंटरनेट पर अलग-अलग मोबाइल और सिस्टम से कनेक्ट करने की अनुमति देता है। सीधे शब्दों में यह एक स्क्रीन शेयरिंग प्लेटफॉर्म की तरह है।
उन्होंने बताया कि कुछ व्यक्ति गूगल पर मौजूद कस्टमर केयर का नंबर सर्च करके इस्तेमाल करते हैं और कुछ मामलों में पीड़ित खुद कुछ समस्याओं के समाधान के लिए कस्टमर केयर को कॉल करता है। ऐसे में धोखाधड़ी करने वाले का मकसद पीड़ित के मोबाइल फोन पर एनी डेस्क या टीम विवर एप डाउनलोड करने के लिए बाध्य करना होता है।

इस तरह चलता है ठगी का खेल

कोई भी एप डाउनलोड करने के बाद धोखाधड़ी करने वाले को 9 अंकों के रिमोट डेस्क कोड की आवश्यकता होती है। इसलिए वह उसके लिए पीड़ित से पूछताछ करेगा। एक बार जब पीड़ित 9 अंकों वाला कोड बता देता है और एप की अनुमति दे देता है तो धोखाधड़ी करने वाले को अपने डिवाइस पर पीड़ित के डिवाइस की स्क्रीन देखने को मिल जाएगी और इसे वह रिकॉर्ड भी कर सकता है। जब वह अपने बैंकिंग या यूपीआई एप का आईडी या पासवर्ड टाइप करता है तो ठग उसे नोट कर लेता है। यह एप फोन के लॉक होने पर भी बैकग्राउंड में काम करता है। एंड्रॉयड फोन पर एनीडेस्क एप आसानी से फोन की स्क्रीन को देखने और रिकॉर्ड करने की अनुमति देता है।

Advertisement

Advertisement
Advertisement
Advertisement
×