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अध्यक्ष पद पर बागी बूरा गुट के उम्मीदवार अनुराग दलाल का कब्ज़ा

10:21 AM Sep 06, 2024 IST
अध्यक्ष पद पर बागी बूरा गुट के उम्मीदवार अनुराग दलाल का कब्ज़ा
पंजाब यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट सेंटर में छात्र संघ चुनाव जीतने के बाद निर्दलीय उम्मीदवार अनुराग दलाल और सिकंदर बूरा समर्थकों के साथ जीत का जश्न मनाते हुए। -ट्रिब्यून फोटो : नितिन मित्तल

जोगिंदर सिंह/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 5 सितंबर
पंजाब विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में इस बार बड़ा उलटफेर हो गया। एनएसयूआई के बागी चेयरमैन सिकंदर बूरा के उम्मीदवार और स्टूडेंट फ्रंट नाम से एक नया छात्र संगठन बनाकर चुनाव लड़े अनुराग दलाल ने प्रधान पद जीतकर सभी को चौंका दिया है। अनुराग दलाल को कुल 3433 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी प्रिंस चौधरी (3130) मत मिले। तीसरे नंबर पर एबीवीपी की अर्पिता मलिक (1114) रही और चौथे पर सोई के तरुण सिद्धू को 1061 और एनएसयूआई के प्रत्याशी राहुल नैन को मात्र 497 वोट मिले। निर्दलीय मुकुल एनएसयूआई के प्रत्याशी से ज्यादा 501 मत ले गये। पीएसयू ललकार की साराह शर्मा को 221 और एएसएफ की अलका को 205 वोट मिले। रोचक बात ये है कि छात्रों ने किसी पार्टी को नहीं बल्कि उम्मीदवारों को जिताया। प्रधान पद पर अनुराग को विजयी बना दिया तो उप-प्रधान एनएसयूआई को और सचिव का पद इनसो व संयुक्त सचिव का पद एबीवीपी को जिता दिया। जीत की खबरें आने के बाद एनएसयूआई और बागी सिकंदर बूरा के गुट आमने-सामने हो गये और काफी देर तक नारेबाजी और उकसाने वाले स्लोगन लगाये गये मगर मुस्तैद पुलिस ने हुड़दंगियों को वहां से भगा दिया। जीत के बाद एनएसयूआई के बागी चेयरमैन सिकंदर बूरा ने कहा कि अनुराग दलाल को प्रधानी जिताने के अलावा सचिन गर्ग को भी उनकी ओर से सहयोग था क्योंकि एनएसयूआई के पैनल के लिये दोनों नाम उनकी ओर से प्रस्तावित थे। उन्होंने कहा कि दोनों प्रत्याशियों में दम था, अगर पार्टी एकजुट होकर लड़ती तो चारों पदों पर उनकी ही जीत होती।
एनएसयूआई के चेयरमैन सिकंदर बूरा ने 28 अगस्त को सेक्टर-35 के कांग्रेस कार्यलाय में आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में मीडिया के सामने ही राहुल नैन के प्रधान पद के लिये नाम के प्रस्ताव को नकार दिया था और मंच से ही इसे दिल्ली से आया तुगलकी फरमान बताकर खारिज कर दिया था। उसने पार्टी को खुली चुनौती दे दी थी। कांग्रेस और पार्टी के छात्र विंग की कमान संभाल रहे नेताओं के खिलाफ बूरा का यह एक साहसी कदम था जिसे उन्होंने अपने उम्मीदवार को जिताकर साबित भी कर दिया। बताया जाता है कि चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्य एचएस लक्की और दिल्ली से कुछ नेताओं द्वारा तीन नाम तय किये गये थे जिनमें एबीवीपी से आये राहुल नैन, अनुराग दलाल और अर्चित गर्ग का नाम शामिल था। जैसे ही सिकंदर बूरा को राहुल के नाम की घोषणा करने को कहा गया तो वे बिफर गये क्योंकि वे अर्चित गर्ग या अनुराग दलाल को प्रधान पद के उम्मीदवार बनाना चाहते थे। उन्होंने मंच से ही बगावत कर इस्तीफा दे दिया था और अपना उम्मीदवार उतार दिया। बाद में एचएस लक्की ने अनुराग दलाल का नाम हटा दिया और राहुल नैन व अर्चित गर्ग को प्रधान व उप-प्रधान का उम्मीदवार घोषित कर दिया। बगावत के बाद धरातल पर काम कर रहे करण रंधावा, मौजी लुबाणा और सनम भी सिकंदर के पक्ष में खड़े हुए।
सबसे मजेदार बात ये है कि एनएसयूआई के पैनल पर खड़े अर्चित गर्ग भी सिकंदर बूरा के ही चहेते उम्मीदवार थे और दोनों में से किसी एक को प्रधान पद का उम्मीदवार बनाना चाहते थे लेकिन पार्टी ने एबीवीपी से आये राहुल नैन का नाम आगे कर दिया। बागी होने के बावजूद बूरा ने अर्चित गर्ग को भी वोट डलवाये।
उप-प्रधान पद पर एनएसयूआई के अर्चित गर्ग 3631 वोट लेकर विजयी रहे। दूसरे नंबर ‘सत्थ’ के करणदीप (2596) रहे। एबीवीपी के अभिषेक कपूर को 1936 और यूएसओ के करण भट्टी को 1567 जबकि शिवानी को 136 मत मिले। इसी तरह से सचिव के पद पर सीवाईएसएस के पैनल पर खड़े इनसो के विनीत यादव ने जीत का परचम लहराया। उन्हें 3298 मत मिले जबकि दूसरे नंबर पर रहे सोपू के जश्नप्रीत को 2596 वोट मिले। एबीवीपी के शिवनंदन रिखी को 961 वोट ही मिले। संयुक्त सचिव पद एबीवीपी को जीत मिली। जस्सी राणा ने 3489 वोट लेकर जीत दर्ज की जबकि एचपीएसयू के 2705 मत लेकर दूसरे स्थान पर रहे। आईएसओ के तेजस्वी दलाल को 1008 वोट मिले जबकि पुसू के अमित बंगा को 1073, एचएसए के शुभम को 659 और एनएसयूआई के यश कपासिया को 892 वोट मिले। मजे की बात ये है कि प्रधान पद के लिये नोटा पर 87 वोट डले, उप-प्रधान पर 591, सचिव पर 631 और संयुक्त सचिव पद पर 621 मत डले।

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जीत के बाद अनुराग बोले- श्रेय सिकंदर बूरा को

पीयू कैंसिल अध्यक्ष बनने के बाद अनुराग दलाल ने कहा कि उनकी जीत का पूरा श्रेय सिकंदर बूरा को जाता है जिस तरह से उन्होंने बगावत करके पूरा जिम्मा अपने ऊपर ले लिया और रणनीति के तहत जीत दिलायी। इसके अलावा अनुराग दलाल ने कहा कि पीयू के सभी वोटर छात्रों के भी वे आभारी हैं जिन्होंने उस पर भरोसा जताया। उन्होंने कहा कि वे छात्र हितों की लड़ाई मिलकर लड़ेंगे और सभी मसलों को हल करायेंगे।

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