को-ऑपरेटिव सोसायटी के निलंबित सचिव की अग्रिम जमानत याचिका खारिज
शिमला, 4 मार्च (हप्र)
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने को-ऑपरेटिव सोसायटी नंगल सालंग्री जिला ऊना के निलंबित सचिव की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है।
न्यायाधीश सुशील कुकरेजा ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड के दृष्टिगत प्रार्थी की याचिका को खारिज कर दिया। प्रार्थी धीरज कुमार और अन्य दो आरोपियों पर धोखाधड़ी और षड्यंत्र रचकर एफडीआर के रूप में जमा किए 36 लाख रुपए निकालने का आरोप है।
यह आरोप लगाते हुए शिकायतकर्ता अनीता रानी ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि प्रार्थी सहित अन्य दो आरोपियों ने मिलकर उसके और उसके पति द्वारा सोसायटी में अलग-अलग एफडीआर के रूप में जमा करवाए 36 लाख रुपए की निकासी कर दी। आरोपियों ने उनके जाली हस्ताक्षर कर उक्त राशि निकाली।
शिकायत में कहा गया है कि जब भी एफडीआर को तोड़ा जाता है तो असली रसीद सोसायटी द्वारा वापस रख ली जाती है परंतु उनके मामले में असली रसीदें उन्हीं के पास हैं जबकि उक्त राशि निकाल दी गई है। शिकायतकर्ता का यह भी आरोप है कि जिस दौरान उसके पति के नाम की एफडीआर तोड़ी गई उस समय उसका पति विदेश में था। कोर्ट ने मामले का रिकॉर्ड देखने पर पाया कि प्रार्थी बार-बार अग्रिम जमानत के लिए आवेदन दायर कर रहा है जबकि जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। कोर्ट ने मामले की जांच के दौरान प्रार्थी के आचरण को देखते हुए उसकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।