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मोदी, राहुल मामले में नड्डा और खड़गे से जवाब तलब

06:43 AM Apr 26, 2024 IST
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नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (एजेंसी)
किसी प्रधानमंत्री के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन संबंधी शिकायत का पहली बार संज्ञान लेते हुए निर्वाचन आयोग ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इसी के साथ आयोग ने राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा की शिकायत पर कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। दोनों दलों के अध्यक्षों को लिखे गए पत्रों में आयोग ने मोदी, राहुल या खड़गे का सीधे तौर पर नाम नहीं लिया है, लेकिन चिट्ठियों में उसे मिली शिकायतों को संलग्न किया गया है जिनमें तीनों नेताओं के खिलाफ आरोपों का ब्योरा है।
भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा को लिखे पत्र में आयोग ने 21 अप्रैल को बांसवाड़ा में मोदी द्वारा की गई टिप्पणियों के संबंध में कांग्रेस, भाकपा और भाकपा (एमएल) की ओर से दर्ज कराई गई शिकायतों पर उनसे सोमवार 29 अप्रैल तक जवाब देने को कहा। इन शिकायतों में मोदी के इन आरोपों का हवाला दिया गया है कि कांग्रेस लोगों की संपत्ति को मुसलमानों में बांटना चाहती है और विपक्षी दल महिलाओं के ‘मंगलसूत्र’ को भी नहीं बख्शेगा। इस भाषण को लेकर बड़ा राजनीतिक विवाद हो गया। आयोग ने स्टार प्रचारकों पर लगाम लगाने के पहले कदम के तहत पार्टी अध्यक्षों को जिम्मेदार ठहराने के लिए जनप्रतिनिधि कानून के प्रावधानों का इस्तेमाल किया है। उसके अनुसार, आयोग का विचार है जहां स्टार प्रचारक अपने भाषणों के लिए खुद जिम्मेदार होंगे, वहीं आयोग पार्टी प्रमुखों से ‘मामला-दर-मामला के आधार पर’ जवाब तलब करेगा।
उधर, भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस समाज के कमजोर वर्गों की कीमत पर मुस्लिम तुष्टीकरण का एजेंडा चला रही है। आयोग ने कांग्रेस अध्यक्ष को भी पत्र लिखा है जो उनके और राहुल के खिलाफ भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित है। भाजपा ने अपने पत्र में कहा है कि केरल के कोट्टयम में राहुल ने मोदी के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण और पूरी तरह से भयावह आरोप लगाए और दावा किया था कि प्रधानमंत्री एक राष्ट्र, एक भाषा, एक धर्म के विचार को आगे बढ़ा रहे हैं। भाजपा ने कहा कि तमिलनाडु के कोयंबटूर में राहुल ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ‘हमारी भाषा, इतिहास और परंपरा’ पर हमला कर रहे हैं। भाजपा ने खड़गे पर यह दावा करने के लिए आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है कि उन्हें अनुसूचित जाति (एससी) एवं अनुसूचित जनजाति (एसटी) के खिलाफ भेदभाव के कारण राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए आमंत्रित नहीं किया गया। इस बीच, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री के खिलाफ की गई शिकायत पर आयोग की ओर से कदम उठाने में कुछ देरी हुई है।
‘उच्च पदों पर बैठे लोगों के भाषणों के नतीजे भी गंभीर होते हैं’
आयोग ने भाजपा अध्यक्ष नड्डा से यह भी कहा कि वह पार्टी के सभी स्टार प्रचारकों से राजनीतिक विमर्श के उच्च मानक तय करने और आदर्श आचार संहिता का अक्षरश: पालन करने के लिए कहें। आयोग ने कहा कि उच्च पदों पर बैठे लोगों द्वारा दिए गए प्रचार भाषणों के अधिक गंभीर नतीजे होते हैं। गौर हो कि साल 2019 के लोकसभा चुनावों में, आयोग ने विपक्षी दलों द्वारा दर्ज कराई गई शिकायतों पर मोदी को क्लीन चिट दे दी थी।

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