हवाई अड्डे के लिए एक अन्य वैकल्पिक मार्ग
मनीमाजरा (चंडीगढ़), 2 सितंबर (हप्र)
चंडीगढ़ के मेट्रो-मास रैपिड ट्रांजिट (एमआरटी) नेटवर्क विस्तार की दिशा में आगे बढ़ते हुए एकीकृत महानगर परिवहन प्राधिकरण (यूएमटीए) की तीसरी बैठक सोमवार को पंजाब के राज्यपाल और यूटी के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया की अध्यक्षता में हुई।
चंडीगढ़ ट्राईसिटी में एमआरटीएस के लिए ‘विकल्प विश्लेषण रिपोर्ट’ और ‘भू-तकनीकी जांच रिपोर्ट’ पर चर्चा करने के लिए बैठक की गई। बैठक में चंडीगढ़ ट्राईसिटी के लिए दो चरणों में लगभग 154.5 किलोमीटर तक फैले मेट्रो ट्रेन नेटवर्क पर विस्तृत प्रस्तुति दी गई।
चरण-1 के तहत, चंडीगढ़ ट्राईसिटी में 85.65 किलोमीटर का मार्ग प्रस्तावित किया गया है, जिसमें चंडीगढ़ के हेरिटेज सेक्टरों में 16.5 किलोमीटर का भूमिगत मार्ग है। इस मौके पर जिन प्रमुख विषयों पर चर्चा की गई, उनमें सवारियों की संख्या का अनुमान, भू-तकनीकी जांच, वैकल्पिक विश्लेषण, एमआरटीएस प्रणाली का प्रकार, डिपो भूमि की आवश्यकता आदि शामिल थे।
परियोजना सलाहकार-राइट्स द्वारा तैयार वैकल्पिक विश्लेषण रिपोर्ट के अनुसार चंडीगढ़ ट्राईसिटी के लिए 2 कोच मेट्रो को सबसे व्यवहार्य एमआरटी प्रणाली पाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, चरण-2 कॉरिडोर पर काम 2032 तक ओवरहेड और भूमिगत नेटवर्क दोनों के साथ पूरा हो जाएगा। यह निर्णय लिया गया कि मामले में कुछ आवश्यक आगे की जांच करने के बाद अगली बैठक एक महीने बाद की जाएगी।
बैठक में अन्य एजेंडों में शहीद भगत सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, चंडीगढ़ के लिए वैकल्पिक छोटा मार्ग और चंडीगढ़ के चारों ओर रिंग रोड का विकास शामिल था। इससे चंडीगढ़ की सड़कों पर भीड़भाड़ कम करने में मदद मिलेगी।
पूर्व मार्ग (जंक्शन-63) से एसबीएसआईएसी हवाई अड्डे के लिए वैकल्पिक मार्ग पर एक प्रस्तुति दी गई, जिससे कुल दूरी 11.6 किमी से घटकर 3.5 किमी रह गई।
पंजाब सरकार ने गमाडा द्वारा विकसित किए जा रहे हवाई अड्डे के लिए एक अन्य वैकल्पिक मार्ग के बारे में भी बताया। यह मार्ग 11.6 किलोमीटर से घटकर 8.5 किलोमीटर हो जाएगा।
बैठक में टीवीएसएन प्रसाद, मुख्य सचिव हरियाणा, राजीव वर्मा प्रशासक के सलाहकार, अनुराग वर्मा मुख्य सचिव पंजाब,चंद्रशेखर खरे, मुख्य प्रशासक एचवीएसपीएन, विनय प्रताप सिंह सचिव शहरी नियोजन और परिवहन, सोनाक्षी सिंह तोमर सीईओ बद्दी बरोटीवाला नालागढ़ विकास प्राधिकरण, गमाडा के मुख्य प्रशासक मोनेश कुमार व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
रिंग रोड के विकास के लिए योजना तैयार
यूटी चंडीगढ़ के आसपास मोहाली, जीरकपुर और पंचकूला शहरों के विकास के साथ ट्राईसिटी में यातायात की तीव्रता कई गुना बढ़ गई है। डेराबस्सी, खरड़, मोरिंडा, न्यू चंडीगढ़ और पिंजौर शहर भी ट्राईसिटी के उपनगरों के रूप में विकसित हुए हैं। इसे कम करने के लिए चंडीगढ़ ट्राईसिटी क्षेत्र के चारों ओर रिंग रोड के विकास के लिए, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने एक योजना तैयार की है और बैठक में इसके बारे में एक विस्तृत प्रस्तुति दी गई। एनएचएआई के अधिकारियों ने दिल्ली से आने वाले और हिमाचल की ओर जाने वाले यातायात को कम करने के लिए जीरकपुर-पंचकूला बाईपास के विकास की वर्तमान स्थिति के बारे में भी जानकारी दी। पंजाब और हरियाणा राज्यों के मुख्य सचिवों ने इस मामले में महत्वपूर्ण जानकारी दी और दोनों राज्यों द्वारा पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।