विश्व जूनोसिस दिवस पशुपालकों को किया जागरूक
भिवानी, 6 जुलाई (हप्र)
जूनोसिस एक ऐसा संक्रामक रोग है, जो जानवरों से इंसानों में या फिर इंसानों से जानवरों में फैलता है। यह काफी घातक भी माना जाता है। जूनोटिक बीमारी से निपटने व इसकी रोकथाम के लिए जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से 6 जुलाई को विश्व जूनोसिस दिवस मनाया जाता है। विश्व जूनोनिस दिवस के अवसर पर पशुपालन विभाग के उप महानिदेशक डा. रविंद्र सहरावत के निर्देशानुसार शनिवार को स्थानीय महम रोड स्थित गौशाला में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहां पर पशुपालकों को इस बारे जानकारी दी गई।
डा. सनसनवाल ने बताया कि ये बीमारियां वायरल वायरस द्वारा, बैक्टीरियल बैक्टीरिया द्वारा या फंगल किसी भी प्रकार की परेशानियां हो सकती है। उदाहरण के तौर पर स्वाइन फीवर, टीवी, रेबीज, एवीयन इंफ्लूएंजा, बुरसोलोसिस सहित अन्य बीमारियां हैं, जो पशुओं से इंसानों में आती हैं और इंसानों के लिए जानलेवा भी साबित हो सकती हैं।
इस मौके पर गौशाला विस्तार अधिकारी मोहनलाल ने भी विचार व्यक्त किये।
बीमारी से बचाव के लिए स्वच्छता जरूरी
पशु चिकित्सक डा. विजय सनसनवाल ने बताया कि जो बीमारियां पशुओं से इंसानों से फैलती हैं, उसे जूनोनिस डिसीज कहते हैं। सनसनवाल ने बताया कि जूनोटिक संक्रमण मुनष्यों में संक्रमित जानवरों की लार, रक्त, मूत्र, बलगम, मल या शरीर के अन्य तरल पदार्थों के साथ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संपर्क में आने से फैल सकते हैं। इनसे बचाव के लिए बिना पका भोजन का सेवन न करे, अपने स्थान को साफ-सुथरा रखें, हाथ व चेहरे की स्वच्छता के साथ भीड़भाड़ वाली जगहों पर यात्रा करते समय चेहरे को ढककर रखें व अपने हाथों को नियमित साफ करें।