For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

Anil Vij: 'गब्बर' ने दिखाए तेवर, कारण बताओ नोटिस पर हाईकमान को सौंपा 8 पन्नों का जवाब

12:26 PM Feb 12, 2025 IST
anil vij   गब्बर  ने दिखाए तेवर  कारण बताओ नोटिस पर हाईकमान को सौंपा 8 पन्नों का जवाब
Advertisement

ट्रिब्यून न्यूज सर्विस, चंडीगढ़, 12 फरवरी

Advertisement

Anil Vij's answer: हरियाणा के परिवहन, बिजली व श्रम मंत्री अनिल विज ने भाजपा द्वारा अनुशासनहीनता के मामले में दिए गए कारण बताओ नोटिस का जवाब दे दिया है। सूत्रों का कहना है कि उन्होंने अपने आठ पन्नों के जवाब में कई मामलों का खुलासा किया है। इनमें राज्य में अधिकारियों द्वारा की जा रही मनमानी के अलावा विधानसभा चुनावों में हुई हराने की साजिश का भी जिक्र है।

हालांकि मीडिया से बातचीत में विज ने जवाब को लेकर कोई खुलासा नहीं किया है। उन्होंने केवल इतना कहा कि उन्होंने नोटिस का जवाब दे दिया है लेकिन क्या जवाब दिया है, यह वह नहीं बताएंगे। यह पार्टी का अंदरूनी मामला है।

Advertisement

दरअसल, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देशों पर प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली ने विज को नोटिस भेजा था और तीन दिन में जवाब देने को कहा था।10 फरवरी को उन्हें नोटिस दिया गया था। बुधवार को जवाब भेजने का आखिरी दिन था और सुबह ही उन्होंने पार्टी नेतृत्व को अपना जवाब भेज दिया।

अनिल विज ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। उन्होंने यह भी कहा था कि मुख्यमंत्री उड़नखटोले में रहते हैं। ऐसे में उन्हें पता नहीं लगता कि ग्राउंड पर क्या हो रहा है। साथ ही, सीएम को नसीहत दी थी कि वे विधायकों, सांसदों व मंत्रियों के साथ बैठें, उनकी सुनवाई करें। साथ ही, जनता की भी सुनवाई करनी चाहिए।

उन्होंने कुछ ऐसे फोटो भी जारी किए थे, जिनमें शामिल लोग मुख्यमंत्री के साथ थे। विज ने आरोप लगाया कि इन्हीं लोगों ने चुनाव हरवाने की कोशिश की। ये वे चेहरे हैं, जो अंबाला कैंट से निर्दलीय प्रत्याशी चित्रा सरवारा के साथ भी नज़र आ रहे हैं।

विज ने अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर भी मीडिया में बयान दिया था। अधिकारियों द्वारा कार्रवाई नहीं करने को लेकर विज ने कहा था कि जिन अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा जाता है, उन पर कोई एक्शन नहीं होता।

विज ने हर सोमवार को अंबाला कैंट में लगाए जाने वाले जनता दरबार को भी बंद कर दिया। साथ ही, वे ग्रीवेंस कमेटी की बैठक भी नहीं ले रहे हैं। पार्टी प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली पर जब दुष्कर्म के आरोप लगे तो उन्होंने पार्टी की गरिमा व पवित्रता बचाए रखने के लिए बड़ौली को इस्तीफा देने की नसीहत भी दे दी थी।

Advertisement
Tags :
Advertisement