मांगों की अनदेखी से खफा कर्मियों ने एनएचपीसी मुख्यालय पर किया प्रदर्शन
फरीदाबाद, 19 फरवरी (हप्र)
मांगों की अनदेखी के खिलाफ सोमवार को ठेका कर्मियों ने एनएचपीसी मुख्यालय पर आक्रोश प्रदर्शन किया। कोआॅर्डिनेशन ऑफ एनएचपीसी एम्पलाईज यूनियन के बैनर तले कारपोरेट मुख्यालय पर हुए इस प्रदर्शन में सभी प्रोजेक्ट से सैकड़ों ठेका कर्मचारियों ने भाग लिया। ऑल हरियाणा पावर कारपोरेशंज वर्कर यूनियन व सीटू की जिला इकाइयों से कर्मियों व मजदूरों ने धरना प्रदर्शन में शामिल होकर आंदोलन एवं मांगों के साथ एकजुटता प्रकट की। धरने प्रदर्शन को सीटू के महासचिव एवं पूर्व सांसद तपन सेन, ऑल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट एम्पलाईज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाईज फेडरेशन ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष सुभाष लांबा, कोआर्डिनेशन कमेटी के वर्किंग प्रेजिडेंट कश्मीर सिंह वर्किंग प्रेजिडेंट, ईईएफआई के सेक्रेट्री सुदीप दत्ता, हिमाचल सीटू के महासचिव प्रेम गौतम, सचिव सुदेश ठाकुर, कोआॅर्डिनेशन कमेटी के नेता सुशील व धर्मसिंह एएएचपीसी वर्कर यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शब्बीर अहमद गनी, सर्कल सचिव कृष्ण कुमार कालीरमन, रामचरण, सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान करतार सिंह जागलान, सीटू के जिला अध्यक्ष निरंतर पाराशर, सचिव वीरेंद्र डंगवाल, रवि गुलिया व सुधा पाल आदि ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों में एनएचपीसी का मुनाफा ढाई हजार करोड़ से बढ़कर साढ़े तीन हजार करोड़ हो गया है जबकि रेगुलर कर्मचारियों की संख्या 7 हजार से घटकर 5 हजार हो गई है। यह सब मुनाफा ठेका कर्मचारियों की मेहनत के दम पर हासिल किया गया है। इसके बावजूद एनएचपीसी मैनेजमेंट ठेका कर्मियों की मांगों का समाधान करना तो दूर, उन्हें अपना कर्मचारी तक मानने को तैयार नहीं है।
इन मांगों को लेकर हुई वार्ता
धरने प्रदर्शन के बीच एनएचपीसी के एचआर डायरेक्टर व अन्य संबंधित अधिकारियों तथा यूनियन के प्रतिनिधिमंडल के बीच करीब एक घंटे की बातचीत में कांट्रेक्ट वर्कर को हड़ताल न करने की अंडरटेकिंग दिए बिना सितंबर, 2023 में बढ़ाए गए वेतन के भुगतान पर सहमति हुई। इसके अलावा मैनेजमेंट ने सभी प्रोजेक्ट में एक समान वेतन देने का प्रयास करने, कांट्रेक्ट वर्कर की समस्याओं के समाधान के लिए स्थायी मैकेनिज्म बनाने का भी भरोसा दिलाया। मैनेजमेंट ने अगली वार्ता अगली अपेक्स बॉडी की मीटिंग में करने का आश्वासन दिया। धरने पर मैनेजमेंट द्वारा बातचीत में मानी हुई मांगों को प्रोजेक्ट स्तर पर लागू करवाने की निगरानी करने, ठेका कर्मचारियों को नियमित करने व समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान करने की मांग को निरंतरता में उठाने और संगठन को सभी प्रोजेक्ट में मजबूत करने का फैसला लिया गया। इसके बाद धरना प्रदर्शन समाप्त कर दिया गया।