नाराज़ मनरेगा मजदूरों ने जुलाना बीडीपीओ कार्यालय पर की नारेबाजी
जींद (जुलाना), 10 दिसंबर(हप्र)
मनरेगा की दिहाड़ी कटने पर अकालगढ़ गांव के मजदूर मंगलवार को जुलाना बीडीपीओ कार्यालय पर पहुंचे और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए रोष प्रकट किया। मजदूरों ने मांग करते हुए कहा कि उनकी काटी गई दिहाड़ी वापस उनके खातों में डाली जाए। अकालगढ़ गांव के मनरेगा मजदूर राज, कामरेड सूरजभान, सोनू, दिनेश, गीता, प्यारी, माया, रेखा आदि ने बताया कि उन्होंने मनरेगा के तहत काम किया था। काम की एमबी भरने के बाद भी उनकी 140 रुपये प्रति दिन की दिहाड़ी काट ली गई। मनरेगा के तहत 255 दिहाड़ी बनती हैं। दिहाड़ी कटने से लगभग 35 हजार रुपये का नुकसान मजदूरों को हुआ है। मजदूरों की मांग है कि उनकी काटी गई दिहाड़ी दी जाए ताकि मजदूरों को कोई परेशानी न हो।
वहीं, मामले को लेकर जुलाना के एबीपीओ अनिल कुमार ने बताया कि मनरेगा हाजिरी के बेस पर नहीं है, परफॉर्मेंस आधारित है। एक दिन में जितना काम दिया जाता है। मजदूर को वह काम पूरा करना होता है, अगर मजदूरों ने काम ही पूरा नहीं किया तो दिहाड़ी कैसे मिल सकती है। फैक्टर के तहत जितना काम किया है, उसकी दिहाड़ी दी जाती है।