खाते में आई 30 से 90 हजार की रकम
शिमला, 1 अप्रैल (हप्र)
हिमाचल प्रदेश के पेंशनधारकों को नए वित्त वर्ष में संशोधित वेतनमान के एरियर की राशि के भुगतान को लेकर थोड़ी राहत मिली है। सरकार की अधिसूचना के मुताबिक पेंशनरों के खाते में एरियर की 30 से 90 हजार रुपए तक की राशि आई है। हालांकि कर्मचारियों को 4 फीसद डीए और एरियर का भी इंतजार है।
राज्य की पूर्व जयराम ठाकुर सरकार के वक्त कर्मचारियों व पेंशनरों को एरियर की पहली किस्त के तौर पर 50-50 हजार की रकम का भुगतान किया गया था। इसके करीब डेढ़ साल बाद अब पेंशनरों के खाते में तो एरियर की थोड़ी रकम आई है, मगर कर्मचारियों के नहीं। कर्मचारियों के खाते में एरियर की राशि न आने की वजह इसे लेकर जारी अधिसूचना को वापस लेना माना जा रहा है। अधिसूचना के मुताबिक एरियर का भुगतान कर्मचारियों को 30 से 33 साल में होता। लिहाजा मामले को तूल पकड़ता देख सरकार ने अधिसूचना को वापस ले लिया था। इससे पहले कि सरकार संशोधित अधिसूचना जारी कर पाती चुनावी आचार संहिता लागू हो गई। सरकार ने पेंशनरों को पहली जनवरी 2016 से बकाया एरियर में से कुछ का भुगतान किया है। इसमें क्लास डी की श्रेणी में आने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारियों से लेकर क्लास ए श्रेणी के अधिकारियों के खाते में 30 हजार से लेकर 90 हजार रूपए तक की राशि आई है। सरकार ने इसके अलग-अलग स्लैब घोषित किए थे जिसके अनुसार ही विभागों के डीडीओ ने पैसा जारी किया है।
बताया जाता है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को स्टेट ट्रेजरी से यह पैसा उनके खाते में भेजा गया है। वित्त विभाग ने जो स्लैब एरियर जारी करने के लिए दिया था उसके मुताबिक 75 साल या उससे ऊपर के पेंशनर या पारिवारिक पेंशनर को 35 फीसदी तक एरियर दिया गया है। इसी तरह से 70 साल से 75 साल तक के रिटायर कर्मचारी को 20 फीसदी एरियर दिया गया है जबकि 65 साल से 70 साल तक के पेंशनर को 18 फीसदी और 65 साल तक के पेंशनर को 15 फीसदी एरियर का भुगतान किया गया है। लीव इन्केशमेंट व ग्रेच्यूटी का लाभ भी 2016 के बाद से रिटायर हुए कर्मचारियों को दिया जाना है। इसे लेकर भी आदेश नहीं हुए हैं। इनको भी अभी इंतजार करना होगा। फिलहाल प्रदेश के पेंशनरों को उनके एरियर का कुछ लाभ मिला है। सरकार ने कर्मचारियों व पेंशनरों को महंगाई भत्ता (डीए) की 4 फीसदी की किश्त भी सरकार ने घोषित कर रखी है जो अप्रैल महीने के वेतन में मिलेगी। इसके अलावा 8 फीसदी डीए अभी और लंबित पड़ा है जिसकी अदायगी के लिए कोई फैसला सरकार ने नहीं लिया था। अब कर्मचारियों को जो भी वित्तीय लाभ मिलेंगे वो आचार संहिता खत्म होने के बाद ही मिलेंगे।