अमृतसरी कुल्चा और दिल्ली की चाट बना रही दीवाना
मनीमाजरा (चंडीगढ़), 6 दिसंबर (हप्र)
14वें चंडीगढ़ राष्ट्रीय शिल्प मेले में बिहारी व्यंजन का स्टॉल सभी का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है। ध्यान खिंचे भी क्यों न उनके बोर्ड पर उन दो राजनेताओं की तस्वीर लगी है, जिसे भारत ही नहीं पूरे विश्व में पहचाना जाता है। पहली तस्वीर में पीएम मोदी हैं जो लिट्टी चोखा का स्वाद ले रहे हैं, जबकि दूसरी तस्वीर में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ उसे चख रहे हैं। यहां पर शुद्ध देसी घी में डुबोकर लिट्टी को गर्मागर्म चोखे के साथ परोसा जा रहा है। महक ऐसी की आप खुद को रोक ही नहीं पाएंगे। इसके साथ थाली में दी गई चटनी आपके स्वाद को दोगुणा कर देगी। मेले में अधिकतर लोग इसका स्वाद ले रहे हैं और बच्चे भी इसके बारे में सवाल पूछ रहे हैं। लिट्टी चोखे के साथ स्टॉल पर सत्तू कचोरी, माल पुआ, खाेए का चंद्रकला, खोए का अनरसा, तिल्लू का खाजा आदि मौजूद हैं। हर चीज का स्वाद ऐसा जो आपको दीवाना बना दे। पंजाब के खाने को स्वाद का राजा कहा जाता है। वहीं अगर किसी चीज के साथ अमृतसर जुड़ जाए तो उसका स्वाद नेक्स्ट लेवल होना तय है। अमृतसरी कुल्चा मेले में अधिकतर लोगों की पसंद में शामिल है।
अमृतसरी पंजाबी ढाबे में मक्की की रोटी व सरसों का साग, सोया चाप, राजमा चावल, कढ़ी - चावल, छोले भटूरे का स्वाद भी मौजूद है। इसके बाद यहां लस्सी भी मिलेगी जो पंजाबियों की डिमांड लिस्ट में हमेशा रहती है। दिल्ली की चाट हो और वहां भीड़ न हो ऐसा होना नामुमकिन सा है। मेले में भी ऐसा ही माहौल है दिल्ली चाट के स्टॉल पर। यहां पर गोलगप्पे, दहीं-भल्ले के साथ पाव-भाजी मेले में आए लोगों की डिमांड में सबसे आगे है। इसके अलावा चीला और राम लड्डू भी आप खरीदने से खुद को रोक नहीं पाएंगे। आलू टिक्की और भेल पुरी खाने के बाद एक बार आपका मन राज कचौरी खाने को जरूर होगा। राजस्थानी फूड्स पर स्पेशल राजस्थानी खाली खास तौर पर तैयार की जा रही है और स्टॉल की सबसे पहली डिमांड में शामिल है। इसके अलावा दाल बाटी चूरमा के साथ मिस्सी रोटी थाली भी यहां मौजूद हे।
लोक नृत्य व लोक गायकी के नाम रहा शुक्रवार
क्रॉफ्ट मेले के दर्शकों को नॉर्थ जोन कल्चरल सेंटर व चंडीगढ़ प्रशासन के तत्वावधान में आयोजित हो रहे 14 वें नेशनल क्राफ्ट मेले में शुक्रवार का दिन लोक नृत्य व लोक गायकी के नाम रहा। दिन की शुरुआत डोगरी नृत्य से हुई । तत्पश्चात लद्दाख के बाल्टी नृत्य ने दर्शकों का मन मोह लिया। त्रिपुरा की होजागीरी शायद ही अब से पहले किसी ने उत्तर भारत में देखी थी। नेपाली डांस ने तो दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया । मणिपुरी नृत्य की तो छटा ही अद्भुत है, पुंग चोलम, ढोल चोलम पर पांव न थिरकें ऐसा मुमकिन ही नहीं है। पंजाब के गांव के मूल विरसे को युवाओं तक पहुंचाने का प्रयास नक्काल ग्रुप के खुशी मोहम्मद ने कला ग्राम की स्टेज पर किया।