रूसी सेना के लिए लड़ते हुए अमृतसर निवासी की मौत, परिवार ने शव वापसी के लिए मदद मांगी
अमृतसर, 12 जून (भाषा)
तेजपाल सिंह सेना में भर्ती होना चाहते थे, लेकिन उनके परिवार को यह नहीं पता था कि यह सपना केवल विदेशी धरती पर ही पूरा होगा और वह कभी घर वापस नहीं लौटेंगे।
सिंह की पत्नी परमिंदर कौर ने बुधवार को पालम विहार इलाके में स्थित अपने घर पर 'पीटीआई-भाषा' को बताया, ''मेरे पति पिछले साल दिसंबर में नौकरी की तलाश में थाईलैंड गए थे। वहां कुछ दिन रहने के बाद वह और उनके दोस्त 12 जनवरी को रूस चले गए, जहां उन्हें सेना में भर्ती कर लिया गया।''
कौर ने रुंधे गले से कहा, ''दो दिन पहले मेरे पति के एक मित्र ने फोन करके मुझे बताया कि यूक्रेन के युद्धक्षेत्र में उनकी मृत्यु हो गई है।'' उन्होंने बताया कि पर्यटक वीजा पर रूस गए सिंह मार्च में मारे जा चुके थे लेकिन दोनों देशों के बीच संघर्ष जारी रहने के कारण उनकी मौत की जानकारी काफी बाद में सामने आई।
30 वर्षीय सिंह का शव अभी तक नहीं मिला है। कौर ने कहा कि कोई नहीं जानता कि शव रूस में है या अभी भी यूक्रेन के कब्जे में है। उन्होंने कहा, ''कल शाम हमने रूसी सेना और विदेश मंत्रालय को अंतिम संस्कार के लिए शव वापस लाने के लिए ईमेल भेजा।''
भारत ने मंगलवार को कहा कि रूसी सेना द्वारा भर्ती किए गए उसके दो नागरिक हाल ही में चल रहे रूस-यूक्रेन संघर्ष में मारे गए हैं, जिससे ऐसी मौतों की संख्या चार हो गई है। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास ने रक्षा मंत्रालय सहित रूसी अधिकारियों पर पार्थिव शरीर को जल्द से जल्द वापस भेजने के लिए दबाव डाला है।
भारत ने रूस के समक्ष इस मामले को मजबूती से उठाया है और रूसी सेना में शामिल सभी भारतीय नागरिकों की जल्द रिहाई और वापसी की मांग की है।
मार्च में, 30 वर्षीय हैदराबाद निवासी मोहम्मद असफान ने यूक्रेन के साथ अग्रिम मोर्चे पर संघर्ष के दौरान रूसी सैनिकों की ओर से लड़ते समय लगी चोटों के कारण दम तोड़ दिया। फरवरी में, गुजरात के सूरत निवासी 23 वर्षीय हेमल अश्विनभाई मंगुआ की दोनेत्स्क क्षेत्र में सुरक्षा सहायक के रूप में काम करते समय यूक्रेनी हवाई हमले में मृत्यु हो गई।