Amit shah : इंडिया के चश्मे से भारत समझ नहीं आएगा : अमित शाह
नयी दिल्ली, 17 दिसंबर (एजेंसी)
संविधान को मजबूत करने के लिए देश को गुलामी की मानसिकता से मुक्त कराये जाने की आवश्यकता पर बल देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि यदि ‘इंडिया’ के चश्मे देखा जाए तो भारत को कभी नहीं समझा जा सकता। उन्होंने ईवीएम पर सवाल उठाने वाले विपक्षी दलों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उन्हें शर्म करनी चाहिए।
राज्यसभा में ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ पर दो दिन तक चली चर्चा का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि भारत का संविधान किसी की नकल नहीं है। इसमें विभिन्न देशों के संविधानों की अच्छी बात लेने के साथ-साथ अपने देश की परंपराओं का पूरा ध्यान रखा गया है। शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा, ‘अभी कुछ राजनेता आये हैं, 54 साल की आयु में अपने को युवा कहते हैं। घूमते रहते हैं और (कहते हैं कि सत्तारूढ़ दल वाले) संविधान बदल देंगे, संविधान बदल देंगे। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि संविधान बदलने का प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 368 में ही है।’ गृह मंत्री ने कहा कि देखने वाली बात यह है कि किसने देश की भलाई के लिए संशोधन किए और किसने अपनी सत्ता को बचाये रखने के लिए इसमें परिवर्तन किए। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू एवं इंदिरा गांधी के शासनकाल में किए गए संविधान संशोधनों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि संविधान में पहला संशोधन नागरिकों के मूलभूत अधिकार में कटौती करने के लिए लाया गया था।