अमेरिका ने खोले दरवाजे, विद्यार्थियों के सपनों को लगेंगे पंख
दिनेश भारद्वाज/ ट्रिन्यू
नयी दिल्ली, 10 जून
अमेरिका के विश्वविद्यालयों में पढ़ाई करने का सपना संजो रहे विद्यार्थियों के लिए यूएस गवर्नमेंट ने दरवाजे खोल दिए हैं। नयी दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने स्टूडेंट्स वीजा के लिए विशेष मुहिम चलाई है। इसके तहत अगस्त तक स्टूडेंट्स वीजा पर सबसे अधिक काम होगा।
दूतावास ने उन लोगों, खासकर युवाओं को सचेत किया है जो अमेरिका जाने के लिए ‘डंकी रूट’ चुनते हैं। दूतावास का कहना है कि यह गैर-कानूनी तरीका है और जानलेवा हो सकता है। दूतावास का यह भी कहना है कि वीजा आवेदन करते समय सही कैटेगरी का चयन करना चाहिए। कैटेगरी अगर गलत है तो आवेदन रद्द हो सकता है।
अमेरिकी दूतावास के वीजा ऑफिसर बेंजमिन स्टील ने ट्रिब्यून से विशेष बातचीत में वीजा की कैटेगरी और उन बिंदुओं पर चर्चा की, जो आवेदन करने वाले विद्यार्थियों के लिए अहम हो सकते हैं। प्रस्तुत हैं उनसे हुई बातचीत के प्रमुख अंश-
स्टूडेंट वीजा क्या है, इसे विजिटर या एच1बी वीजा से कैसे अलग माना जाए?
वीजा की अलग-अलग कैटेगरी हैं। ‘बी’ वीजा अमेरिका में घूमने की इजाजत देता है। वहीं एच1बी काम करने की परमिशन देने में सहयोग करता हैं। ‘एफ’ और ‘एम’ वीजा स्टूडेंट्स के लिए है। इसके जरिये ही स्कूलों और यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के लिए जा सकते हैं।
छात्र वीजा के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया क्या है?
सबसे पहले अमेरिका की किसी यूनिवर्सिटी में एप्लाई करना होगा। वहां से एडमिशन की क्लीयरेंस मिलने के बाद यूनिवर्सिटी के ऑफर लेटर के साथ आवेदन करना होगा। फार्म आई-20 से यह पता लगेगा कि यूनिवर्सिटी में एडमिशन हो चुका है। फीस की रसीदें और बाकी सभी तरह के डाॅक्यूमेंट भी आवेदन के साथ अटैच होंगे। यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन ही रहेगी। इंटरव्यू के लिए भी फीस देनी होगी। पासपोर्ट, यूनिवर्सिटी का अथॉरिटी लेटर, फोटो, आधार कार्ड, वोटर आईडी जैसे डाॅक्यूमेंट साथ लाने होंगे।
आवेदन के बाद विद्यार्थी क्या करें, कितने दिन का इंतजार उन्हें करना होगा?
अमेरिकी दूतावास आवेदन का अध्ययन करेगा। सभी दस्तावेजों की जांच की जाएगी। किसी तरह की कमी होने पर आवेदक को सूचित किया जाएगा। समय रहते खामियों को दूर कर दिया तो आवेदक को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा। इस प्रक्रिया को स्पीड-अप किया गया है।
स्टूडेंट वीजा के इंटरव्यू में क्या होता है, विद्यार्थी इसके लिए क्या तैयारी करें?
यह सबसे अहम सवाल है। आमतौर पर होता यह है कि इंटरव्यू पर आने वाले विद्यार्थी कुछ बातों का रट्टा लगाकर आते हैं। यह सही नहीं है। इंटरव्यू को एक सामान्य बातचीत या फिर गुफ्तगू ही समझें। इंटरव्यू में हम विद्यार्थी की योग्यता का पता लगाते हैं। सामान्य बातचीत में यह जानने की कोशिश करते हैं कि वे किस प्रोग्राम के लिए यूएस जाना चाहते हैं। वे क्या पढ़ना चाहते हैं और संबंधित डिग्री या कोर्स को लेकर उनकी क्वालीफिकेशन कितनी है। उनका अंग्रेजी का ज्ञान भी परखा जाता है।
विद्यार्थियों को अगर गाइडेंस चाहिए तो वे क्या करें?
सबसे विश्वसनीय जानकारी हमारे एजुकेशन केंद्रों से मिलेगी। भारत में यूएसए के छह एजुकेशन सेंटर हैं। वहां जाकर एजुकेशन एडवाइजर से बात की जा सकती है। वेबसाइट पर भी एजुकेशन एडवाइजर से ऑनलाइन बात कर सकते हैं। ‘एजुकेशन यूएसए इंडिया’ मोबाइल एप के जरिये भी जानकारी जुटाई जा सकती है। अमेरिका के चार हजार स्कूलों और यूनिवर्सिटी की जानकारी एजुकेशन केंद्रों और एप पर उपलब्ध है।
यूएस के स्कूल-विश्वविद्यालय क्या चयन मानदंड अपनाते हैं?
ऐसा नहीं है कि अमेरिका में पढ़ाई के लिए कुछ खास शर्तें हैं। छात्रों के चयन में यह देखा जाता है कि उन्होंने क्या-क्या किया है। उनके ग्रेड्स क्या हैं। स्कूल से बाहर दूसरी कौन-कौन सी गतिविधियों में उन्होंने भाग लिया है। साथ ही, विद्यार्थियों की स्किल्स का भी पता लगाया जाता है।
पढ़ाई के साथ वर्क परमिशन के लिए क्या शर्तें हैं?
पहले साल विद्यार्थियों को केवल स्कूल में ही काम करने की इजाजत दी जाती है। इसके बाद अगर किसी और जगह वे काम करना चाहते हैं तो उन्हें संबंधित स्कूल-यूनिवर्सिटी से परमिशन लेनी होगी। पढ़ाई खत्म होने के बाद वे अमेरिकी प्रोग्राम में भागीदार बन सकते हैं, लेकिन इसके लिए भी इजाजत अनिवार्य है। उन्हें थोड़े समय के लिए काम करने का मौका मिलता है।
वीजा वेटिंग बड़ा मुद्दा है, इसे लेकर दूतावास क्या कर रहा है?
यह बात सही है और हम इस पर काफी गंभीर भी हैं। पिछले साल हमने 1 लाख 40 हजार स्टूडेंट वीजा जारी किए हैं। इस प्रक्रिया को और तेज कर रहे हैं। अन्य कैटेगरी के लंबित आवेदनों को निपटाने की प्रक्रिया भी तेज की है। बी-1 और बी-2 लंबित श्रेणी में 70 फीसदी की कमी आई है। फिलहाल स्टूडेंट्स वीजा हमारी प्राथमिकता है। इसीलिए मई से अगस्त तक स्टूडेंट्स वीजा के लिए तय किए हैं। आवेदनों को जल्द निपटाने की कोशिश हम कर रहे हैं।
डंकी एंट्री को अमेरिकी सरकार किस रूप में देखती है?
हम इस पर काफी सीरियस हैं। डंकी एंट्री अमेरिका जाने का गैर-कानूनी तरीका है। यह बहुत खतरनाक है। हम सभी को सलाह देते हैं कि अमेरिका जाने के लिए सही और कानूनी तरीका ही अपनाएं। गैर-कानूनी तरीके से जाना जानलेवा हो सकता है।
कुछ एजेंट्स फ्रॉड करते हैं। यूएस की कुछ यूनिवर्सिटी से भी फर्जी डाॅक्यूमेंट जारी होते हैं। इस पर क्या कहेंगे?
हम यह पूरी तरह से स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि इसके लिए हम बिल्कुल भी जिम्मेदार नहीं हैं। आवेदन करते समय यह याद रखें कि सभी दस्तावेज सही हों। फर्जी डाॅक्यूमेंट्स के लिए आवेदक ही जिम्मेदार है। ऐसे में फर्जी एजेंट्स के जरिये विदेश जाने की कोशिश बिल्कुल न करें।