रूस के वैश्विक सहयोग चर्चा को अमेरिका ने बताया पाखंड
संयुक्त राष्ट्र, 17 जुलाई (एजेंसी)
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अमेरिका पर पश्चिमी देशों को हथियार का डर दिखा कर अपने पाले में रखने और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में बाधा डालने का आरोप लगाया। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत ने इसे रूस का पाखंड करार दिया।
यह आरोप-प्रत्यारोप रूस द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता के दौरान आयोजित एक कार्यक्रम में हुआ। इसका विषय था ‘अधिक न्यायपूर्ण, लोकतांत्रिक और टिकाऊ विश्व व्यवस्था के लिए बहुपक्षीय सहयोग।’ रूस के विदेश मंत्री लावरोव बैठक की अध्यक्षता करने के लिए मास्को से संयुक्त राष्ट्र आए। बैठक से ठीक पहले, संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के राजदूत सर्जी किस्लित्स्या ने अमेरिका समेत करीब 50 देशों की ओर से एक बयान पढ़ा। देशों ने यूक्रेन के विरुद्ध रूस की कार्रवाई, संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए रूस को उत्तर कोरिया द्वारा सैन्य सहायता देने तथा संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों के प्रभावी रहने के दौरान ईरान की ओर से नियमों के उल्लंघनों की निंदा की। वहीं, लावरोव ने जॉर्ज ऑरवेल के प्रसिद्ध उपन्यास ‘एनिमल फार्म’ के एक कथन का हवाला देते हुए अमेरिका पर निशाना साधा। उन्होंने रूस की बार-बार चेतावनी के बावजूद यूरोप में नाटो के ‘लापरवाह विस्तार’ को लेकर कहा कि यूक्रेन में ‘विशेष सैन्य अभियान’ रूस की सुरक्षा के लिए खतरों को खत्म करने के वास्ते शुरू किया गया था।
यूक्रेन शांति के लिए पुलिस का प्रस्ताव अस्वीकार
लावरोव ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा निर्धारित शर्तों पर यूक्रेन में शांति का आह्वान किया, जिसे यूक्रेन ने अस्वीकार कर दिया है। उन्होंने बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था को मान्यता देने, वैश्विक अर्थव्यवस्था में अन्याय को समाप्त करने तथा संयुक्त राष्ट्र, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों और अन्य वैश्विक संगठनों में सुधार का आह्वान किया। लावरोव के 20 मिनट के भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिकी राजदूत थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा कि रूस जानबूझकर और खुलेआम संयुक्त राष्ट्र चार्टर के मूल सिद्धांतों, क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करता है और मानवाधिकारों के लिए सम्मान, अंतर्राष्ट्रीय सहयोगी की भावना नहीं दिखाता है।