दिल्ली कूच से निपटने के लिए अम्बाला प्रशासन पूरी तरह सजग
जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 26 नवंबर
किसानों के संभावित दिल्ली कूच से निपटने के लिए अम्बाला प्रशासन पूरी तरह सजग नजर आ रहा है। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को हिरासत में लिए जाने के बाद हरियाणा में भी किसानों को गतिविधियां बढ़ाने के लिए प्रयास शुरू हो चुके हैं।
इसी बीच हरियाणा-पंजाब शंभू बॉर्डर सील हुए 10 माह पूरे हो गए हैं लेकिन अभी भी स्थिति जस की तस है। हालांकि आज अचानक यहां हलचल बढ़ गई और पूरे क्षेत्र में बात फैल गई कि बार्डर को एक तरफ से खोल दिया गया है लेकिन तहकीकात करने पर यह मात्र अफवाह ही निकली। वहीं डल्लेवाल की गिरफ्तारी के बाद किसानों ने शंभू बॉर्डर पर पहुंचना शुरू कर दिया है। जानकारी के अनुसार अम्बाला सिविल और पुलिस प्रशासन पूरी स्थिति पर गंभीर नजर रखे हुए है।
अम्बाला प्रशासन की ओर से गत दिवस सीमांत क्षेत्र का अवलोकन किया गया। किसान नेताओं द्वारा दिल्ली कूच के एलान से निपटने और सुप्रीम कोर्ट से मिलने वाले आदेशों से पालना के लिए प्रशासन वैकल्पिक व्यवस्थाओं पर रणनीति बना रहा है।
दिल्ली कूच को लेकर यदि सुप्रीम कोर्ट किसी प्रकार की अनुमति देता है तो बार्डर पर की गई पक्की सीलबंदी के स्थान पर कुछ फुट के रास्ते में सीढ़ियां बनाकर अथवा रास्ता देकर किसानों के लिए रास्ता खोला जा सकता है ताकि वे पैदल दिल्ली जा सकें लेकिन उनके ट्रैक्टर-ट्राली वहां नहीं जा सकें।
उधर किसान नेता डल्लेवाल को हिरासत में लेने के विरोध में किसान खनौरी बॉर्डर पर पहुंचे। भाकियू शहीद भगत सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरजीत सिंह मोहड़ी ने कहा कि आज जगजीत सिंह डल्लेवाल ने मरणव्रत पर बैठना था लेकिन पंजाब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
वहीं इस दौरान पंजाब की तरफ से प्रशासन की तरफ से बैरिकेडिंग को तोड़ने के लिए हथौड़े भी चलाए गए। वहीं बॉर्डर पर पहुंचे किसानों ने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह किसानों से बातचीत कर मसले को सुलझाए। सरकार की हठधर्मी से जनता के साथ किसानों को भी परेशानी हो रही है। किसानों ने भगवंत मान सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। करीब आधा किलोमीटर का बॉर्डर सील होने से अब तक अम्बाला क्षेत्र में स्थित व्यापारियों, उद्योगपतियों आदि का अरबों रुपयों का नुकसान हो चुका है।
अनुमान के अनुसार अभी तक करीब 700 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। रोडवेज को भी रोजाना मोटी चपत लग रही है। शंभू बॉर्डर सील होने से वाहनों आवाजाही पूरी तरह से बंद है।
करीब 60 हजार वाहन चालकों को रोजाना रास्ता बदलकर लंबे रूट से जाना पड़ रहा है। रोजाना लोगों को मौत के कच्चे रास्तों से आवाजाही करनी पड़ रही है।
किसान दिल्ली कूच का इरादा नहीं बदल रहे और हरियाणा सरकार ट्रैक्टर-ट्रालियों पर दिल्ली जाने की इजाजत नहीं दे रही।