जम्मू/श्रीनगर, 30 जून (एजेंसी)अमरनाथ यात्रा से पहले तीर्थयात्रियों के ऑफलाइन पंजीकरण के लिए टोकन वितरण केंद्र को सोमवार को यहां चालू कर दिया गया। अधिकारियों ने जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया। 38 दिवसीय वार्षिक अमरनाथ तीर्थयात्रा तीन जुलाई से शुरू होगी। यह यात्रा दो मार्गों से संपन्न होगी। तीर्थयात्री अनंतनाग जिले में 48 किलोमीटर लंबे पारंपरिक नुनवान-पहलगाम मार्ग तथा गांदरबल जिले में छोटे, लेकिन अधिक खड़े ढलान वाले 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर तक जा सकते हैं। श्रद्धालुओं का पहला जत्था दो जुलाई को जम्मू स्थित भगवती नगर आधार शिविर से कश्मीर के लिए रवाना होगा। अधिकारियों ने सोमवार को जम्मू के सरस्वती धाम में टोकन वितरण केंद्र खोला, जिसे लेकर देश-विदेश के श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखा गया। बारिश के बावजूद यात्रा पर जाने के इच्छुक तीर्थयात्री मौके पर ही पंजीकरण के लिए टोकन लेने के लिए केंद्र पर उमड़ पड़े। जम्मू के उपसंभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) मनु हंसा ने बताया कि सरस्वती धाम में एक टोकन केंद्र स्थापित किया गया है, जहां से पहलगाम और बालटाल दोनों मार्गों पर यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को टोकन वितरित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि टोकन प्राप्त करने के बाद तीर्थयात्री मंगलवार को यात्रा के लिए पंजीकरण करा सकते हैं।यात्रा मार्गों पर सुरक्षा बढ़ाईअमरनाथ यात्रा से पहले दक्षिण कश्मीर के पवित्र गुफा मंदिर की ओर जाने वाले मार्गों पर उच्च तकनीक वाले उपकरणों की तैनाती समेत कई उच्च स्तरीय सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। इस वर्ष पहली बार, दोनों मार्गों पर रणनीतिक स्थानों पर चेहरा पहचानने वाली प्रणाली (एफआरएस) लगाई गई है। इस तकनीक के ज़रिए 19 जून को आतंकवादी संगठनों के लिए काम करने वाले दो लोगों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली थी। एफआरएस प्रणाली में सक्रिय आतंकवादियों और संदेहास्पद ओवरग्राउंड वर्करों की तस्वीरें फीड की गई हैं ताकि यदि कोई काली सूची में डाला गया व्यक्ति निगरानी कैमरों के दायरे में आता है तो यह प्रणाली तुरंत सुरक्षा बलों को अलर्ट कर दे।