सफलता के साथ संस्कार और संवेदना भी जरूरी : जस्टिस गर्ग
करनाल, 2 दिसंबर (हप्र)
करनाल के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एवं सेशन जज सुशील कुमार गर्ग ने कहा कि डाक्टर या इंजीनियर बनना ही करियर का अंत नहीं हैं। इससे आगे भी जिंदगी है। उन्होंने कहा कि विफलता से घबराना सही बात नहीं हैं। जिंदगी में कभी निराश नहीं होना चाहिए। उन्होने कहा कि आज सफल होने के साथ व्यक्ति में संवेदना होना भी जरूरी है। आज मां-बाप बच्चों को आईआईटी या एम्स से पढ़ाकर इंजीनियर या डाक्टर बना देते है। वह अमेरिका में सेटल हो जाता है लेकिन उसके बाद उसके पास अपने माता-पिता के संस्कार में भाग लेने का समय नहीं होता। शिक्षण संस्थान बच्चों को पैसा कमाने की मशीन न बनाएं वल्कि एक संवेदनशील इंसान बनाएं।
वह करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कालेज के सभागार में आयोजित टीएससी पुरस्कार वितरण समारोह में बोल रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन जेनेसिस ग्रुप ऑफ स्कूल तथा जेनेसिस क्लासिस ने किया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में समाजसेवी एसपी चौहान मौजूद रहे। इस मौके पर जेइई तथा नीट में रैंक प्राप्त करने वाले बच्चों को भी पुरस्कृत किया। इस अवसर पर विशिष्टि अतिथि करनाल इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन कर्नल अरुण दत्ता ने भी बच्चों को संदेश दिया।
अतिथियों का स्वागत जेनेसिस के प्रमुख जितेंद्र अहलावत तथा नवनीत कल्हण ने किया। जेनिसिस के डायरेक्टर्स जितेंद्र सिंह अहलावत और नवनीत कल्हण ने सभी सफल विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।