महत्वाकांक्षाओं का गठबंधन
शनिवार 26 जून के दैनिक ट्रिब्यून में प्रकाशित राजकुमार सिंह का लेख ‘सत्ता महत्वाकांक्षाओं का राष्ट्र मंच’ हाशिये पर गये विपक्षी दलों की मोदी विरोधी आकांक्षा को दर्शाने वाला था। महज विरोध के लिये विरोध और अपनी हताशाओं को दबाकर एकजुट होने का यह प्रयास सिरे चढ़ेगा, इसमें संदेह है। लेखक ने इस बात का खुलासा किया है कि अस्सी पार के नेता कैसे कुर्सी मोह में एकजुट हो रहे हैं। लगातार सिकुड़ रही कांग्रेस आज भी मुख्य विपक्ष की भूमिका में है तो उसका गठबंधन से अलग रहना अपने आप में क्या इस गठबंधन की सफलता को संदिग्ध नहीं बनाता? बसपा और शिवसेना जैसे दल भी इसमें शामिल नहीं हुए। ऐसे में सवाल उठता है कि कैसे यह गठबंधन सिरे चढ़ेगा?
मधुसूदन शर्मा, रुड़की, हरिद्वार
खतरा टला नहीं
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि यदि सतर्कता नहीं बरती गई तो देश में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। तीसरी लहर आने से पहले ही हमें छोटे बच्चों का विशेष ध्यान रखना होगा। सरकार ने 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों को टीका उपलब्ध कराया है। छोटे बच्चों खासकर 3 से 11 साल के बच्चों का इम्यूनिटी सिस्टम बहुत कमजोर होता है।
रितिक सविता, दिल्ली