गठबंधन विवाद पहुंचा नड्डा दरबार
दिनेश भारद्वाज/ ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 10 जून
हरियाणा में सत्तारूढ़ भाजपा-जजपा गठबंधन के ‘रिश्तों’ में आई दरारों को पाटने का काम केंद्र के स्तर पर हो सकता है। सूत्रों का कहना है कि पिछले करीब दस दिन से दोनों पार्टियों के नेताओं द्वारा की जा रही बयानबाजी का मामला भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा तक पहुंच गया है। बहुत संभव है कि उनके हस्तक्षेप के बाद गठबंधन को लेकर चल रही चर्चाओं पर विराम भी लग जाए।
भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि जजपा नेतृत्व ने भाजपा के हरियाणा मामलों के प्रभारी बिप्लब कुमार देब, केंद्रीय मंत्री संजीव बाल्याण व दूसरे नेताओं द्वारा दिए गए बयानों को लेकर नड्zwnj;डा से सीधे बात की है। खबरें तो इस तरह की भी हैं कि नड्डा से आग्रह किया गया है कि अगर भाजपा हरियाणा में अब जजपा के साथ आगे चलने को तैयार नहीं है, तो स्थिति स्पष्ट की जाए। रोज-रोज की बयानबाजी बंद करनी चाहिए, जो भी फैसला करना है, वह किया जाए। वहीं दूसरी ओर, इस तरह की भी सूचनाएं मिली हैं कि भाजपा भी जजपा प्रदेशाध्यक्ष निशान सिंह द्वारा दिए गए एक बयान से आहत है।
बहरहाल, दोनों दलों के नेताओं में जुबानी जंग के बीच भाजपा प्रभारी बिप्लब कुमार देब निर्दलीय विधायकों से मुलाकात के सिलसिले को जारी रखे हुए हैं। शनिवार को उन्होंने चंडीगढ़ स्थित हरियाणा निवास में रानियां से निर्दलीय विधायक तथा बिजली व जेल मंत्री चौ. रणजीत सिंह से मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार, ब्रेकफास्ट टेबल पर हुई चर्चा के दौरान स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता भी मौजूद रहे।
ऐसी सूचना है कि बिप्लब देब ने दोनों नेताओं के साथ प्रदेश के राजनीतिक हालात के अलावा गठबंधन को लेकर भी चर्चा की। भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि शुक्रवार की रात चंडीगढ़ प्रवास के दौरान पार्टी प्रभारी ने पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु से भी मुलाकात की। पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला के साथ भी उनकी बैठक होने की सूचना है। वहीं, पृथला से निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत के साथ रविवार को नयी दिल्ली में उनकी बैठक तय है।
पिघलने लगी रिश्तों पर जमी बर्फ!
राजनीतिक हालात इस बार काफी बदले हुए हैं। भाजपा नेतृत्व किसी भी प्रदेश में अपने गठबंधन सहयोगियों को ऐसा मैसेज नहीं देना चाहता, जिसका नुकसान आने वाले वक्त में हो। हालांकि हरियाणा में भाजपा और जजपा गठबंधन के बीच काफी तल्खी बढ़ी नज़र आ रही है, लेकिन रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलने जैसे संकेत भी मिल रहे हैं। पहले गजेंद्र सिंह शेखावत ने पॉजिटिव बयान दिया, तो अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी गठबंधन जारी रहने का ऐलान करके रिश्तों को फिर से सही करने के संकेत दे दिए हैं। कुछ लोग भाजपा नेताओं की बयानबाजी को ‘प्रेशर पॉलिटिक्स’ से जोड़कर भी देख रहे हैं। जजपा अभी भी इसी कोशिश में है कि अगला चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ा जाए।