तीनों निर्दलीयों ने राजभवन व विस को भेजा ईमेल
चंडीगढ़, 15 मई (टि्रन्यू)
हरियाणा के तीन निर्दलीय विधायकों ने अब लिखित में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय तथा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को राज्य की भाजपा सरकार से समर्थन वापसी के पत्र भेज दिए हैं।
चरखी दादरी से विधायक सोमबीर सिंह सांगवान, पुंडरी से विधायक रणधीर सिंह गोलन और नीलोखेड़ी से विधायक धर्मपाल गोंदर ने ईमेल के जरिये राजभवन और विधानसभा को सूचित किया है कि उन्होंने हरियाणा की नायब सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है।
गत 7 मई को तीनों विधायकों ने रोहतक में समर्थन वापसी का ऐलान किया था। साथ ही, उन्होंने कांग्रेस के समर्थन की घोषणा की थी। इस समर्थन वापसी के चलते नायब सरकार अल्पमत में आ गई। कांग्रेस प्रदेश में सरकार को भंग कर राष्ट्रपति शासन के तहत विधानसभा चुनाव कराने की मांग कर चुकी है।
दस विधायकों वाली जननायक जनता पार्टी के नेता व पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला, ऐलनाबाद से इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला व महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू भी ऐसा ही पत्र राज्यपाल को लिख चुके हैं।
राजभवन में तीन निर्दलीय विधायकों की समर्थन वापसी की लिखित में कोई सूचना नहीं थी। इसी के चलते बुधवार को तीनों विधायकों ने अपने ईमेल एड्रेस से समर्थन वापसी का पत्र भेजा।
स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने दो विधायकों- रणधीर सिंह गोलन व धर्मपाल सिंह गोंदर का पत्र आने की पुष्टि की है। बताते हैं कि इस पत्र पर तारीख नहीं है। पत्र पर तारीख नहीं होने से विधानसभा सचिवालय भी दुविधा में है कि समर्थन वापसी के पत्र को किस तिथि से माना जाए। हालांकि गोलन ने स्पष्ट तौर पर कहा कि उन्होंने अपने पत्र पर हाथ से बुधवार की तारीख यानी 15 मई लिखी है। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कानूनी रायशुमारी के बाद फैसला लिया जाएगा।
विधायकों का राज्यपाल के सामने पेश होना जरूरी
विधायक के सरकार से समर्थन वापस लेने या फिर देने के लिए नियमानुसार राज्यपाल के सामने व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होना अनिवार्य है, या फिर उस व्यक्ति की आधिकारिक ई-मेल आईडी होनी चाहिए। राजभवन केवल विधायकों से सीधे प्राप्त होने के बाद ही लेटर पर कार्रवाई करेगा। हरियाणा राजभवन के रिकार्ड में अभी उनका भाजपा के समर्थन वाला लेटर ही लगा हुआ है।