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सभी याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट सुनेगा, हाईकोर्ट नहीं

07:15 AM Jun 21, 2024 IST
सभी याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट सुनेगा  हाईकोर्ट नहीं
नयी िदल्ली में बृहस्पतिवार को शिक्षामंत्री के आवास पर प्रदर्शन कर रही यूथ कांग्रेस की एक सदस्य को हिरासत में लेती पुलिसकर्मी। -प्रेट्र
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नयी दिल्ली, 20 जून (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने ‘राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) 2024’ को रद्द करने और मेडिकल प्रवेश परीक्षा में अनियमितताओं की अदालत की निगरानी में जांच का अनुरोध करने संबंधी याचिकाओं पर बृहस्पतिवार को केंद्र, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) से जवाब मांगा। शीर्ष अदालत ने देश के विभिन्न हाईकोर्ट के समक्ष नीट 2024 परीक्षा से संबंधित कुछ लंबित याचिकाओं पर आगे की कार्यवाही पर भी रोक  लगा दी।
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एसवीएन भट्टी की अवकाशकालीन पीठ ने एनटीए की चार अलग-अलग याचिकाओं पर संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इनमें हाईकोर्ट में लंबित याचिकाओं को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया है। पीठ ने कहा कि इन याचिकाओं पर आठ जुलाई को नीट-यूजी 2024 से संबंधित अन्य लंबित मामलों के साथ सुनवाई की जाएगी। सुनवाई के दौरान पीठ ने स्पष्ट किया कि वह काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक नहीं लगा रही है। याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से पेश वकील ने कहा कि काउंसलिंग आठ जुलाई के बाद तक टाली जा सकती है। पीठ के सवाल पर एनटीए के वकील ने कहा, ‘काउंसलिंग छह जुलाई से शुरू होगी, लेकिन यह छह जुलाई को ही खत्म नहीं हो जाएगी। इसमें समय लगेगा।’ एक अन्य वकील ने कहा कि कथित अनियमितताओं के संबंध में बिहार और गुजरात में प्राथमिकी दर्ज की गई हैं और पुलिस से जांच की स्थिति रिपोर्ट मांगी जानी चाहिए। बता दें कि नीट-यूजी परीक्षा का आयोजन एनटीए द्वारा देशभर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए किया जाता है। केंद्र की ओर से पेश वकील ने कहा कि कई बार कोचिंग संस्थान भी याचिकाकर्ता के रूप में सामने आए हैं। पीठ ने कहा, ‘उन्हें आने का अधिकार है। क्योंकि उनका व्यवसाय केवल इन छात्रों से है और यदि आप उनके साथ खेलते हैं और उनके अधिकारों में दखल देते हैं, तो ये कोचिंग संस्थान आएंगे ही।’ केंद्र तथा एनटीए ने 13 जून को सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया था कि उसने एमबीबीएस और ऐसे अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए परीक्षा देने वाले 1,563 अभ्यर्थियों को दिए गए ग्रेस मार्क्स रद्द कर दिए हैं। केंद्र ने यह भी कहा कि ऐसे अभ्यर्थियों के पास या तो दोबारा परीक्षा देने या नष्ट हुए समय की क्षतिपूर्ति के लिए उन्हें दिए गए कृपांकों को छोड़ने का विकल्प होगा। नीट-यूजी परीक्षा पांच मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और इसमें लगभग 24 लाख उम्मीदवारों ने भाग  लिया था।

बिना शिकायत रद्द किया गया यूजीसी नेट : शिक्षा मंत्रालय

एक अधिकारी ने बताया कि यूजीसी नेट परीक्षा के बारे में कोई शिकायत नहीं मिली थी बल्कि सूचनाओं के आधार पर स्वत: संज्ञान लेते हुए छात्रों के हितों को देखते हुए इसे रद्द किया गया। शिक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल ने कहा कि जानकारी का ब्योरा साझा नहीं किया जा सकता क्योंकि मामला सीबीआई को सौंप दिया गया है।

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''हमें अपनी व्यवस्था पर भरोसा रखना चाहिए और सरकार किसी भी प्रकार की अनियमितता या कदाचार को बर्दाश्त नहीं करेगी। गड़बड़ी की छिटपुट घटनाओं से उन लाखों विद्यार्थियों पर असर नहीं पड़ना चाहिए, जिन्होंने सही तरीके से परीक्षा पास की है। एनटीए के कामकाज की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाई जाएगी। मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। एनटीए के अधिकारियों सहित दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। '' धर्मेंद्र प्रधान, शिक्षा मंत्री

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सरकार ने प्रणाली को तहस-नहस किया : खड़गे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दावा किया कि मोदी सरकार ने शिक्षा एवं भर्ती की पूरी व्यवस्था को तहस-नहस कर दिया है। खड़गे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘ये कैसी परीक्षा पे चर्चा, जहां रोज़ाना लीक होता पर्चा। ... नीट, यूजीसी-नेट, सीयूईटी में पेपर लीक, धांधली और घोर अनियमितताओं का अब पर्दाफ़ाश हो चुका है।’ उन्होंने आरोप लगाया कि बहुप्रचारित एनआरए (राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी) पूर्णतः निष्कि्रय है। इसको लेकर ज़बरदस्त ढिंढ़ोरा पीटा गया था। उन्होंने दावा किया कि आरटीआई के तहत मिली जानकारी के मुताबिक़ प्रधानमंत्री मोदी के ‘परीक्षा पे चर्चा’ के खर्च में छह वर्षों में 175 प्रतिशत का उछाल आया है।
कांग्रेस आज करेगी देशभ्ार में प्रदर्शन नीट यूजी मामले में कांग्रेस ने अपने सभी प्रदेशाध्यक्षों को अपने-अपने राज्यों में शुक्रवार को प्रदर्शन करने को कहा है। पार्टी महासचिव वेणुगोपाल ने इस आश्ाय का पत्र सभी पार्टी इकाइयों को लिखा है।

राहुल का सवाल- पीएम पेपर लीक रोक  नहीं पा रहे या रोकना नहीं चाहते !


कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, ‘कहा जा रहा था कि नरेंद्र मोदी जी ने रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई रोक दी थी... लेकिन हिंदुस्तान में पेपर लीक को रोक नहीं पा रहे हैं या रोकना नहीं चाहते।’ उन्होंने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश में हुए ‘व्यापम’ घोटाले को पूरे देश में फैलाने की कोशिश की जा रही है।

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