मोहाली-चंडीगढ़ के सभी बॉर्डर सील
राजीव तनेजा/हप्र
मोहाली, 1 अक्तूबर
बंदी सिखों की रिहाई के लिए फतेहगढ़ साहिब से कौमी इंसाफ मोर्चा के प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को रोष मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों ने गवर्नर से मिलने जाना था लेकिन मोहाली पुलिस ने उन्हें वाईपीएस चौक पर ही रोक लिया। मोहाली पुलिस ने आज सभी बॉर्डर एरिया को सील कर दिया था। वाईपीएस चौक एक छावनी में तबदील थी। एसएसपी मोहाली दीपक पारिख से लेकर पुलिस के सभी आलाधिकारी मौके पर मौजूद थे। प्रदर्शनकारी बंदी सिखों की रिहाई न होने से नाराज थे और गवर्नर हाउस का घेराव करना चाह रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए पुख्ता बंदोबस्त किए हुए थे। प्रदर्शनकारी श्री फतेहगढ़ साहिब से मोहाली पहुंचे, फिर गुरुद्वारा श्री अंब साहिब के बाहर इकट्ठे हुए और वहां से चंडीगढ़ की ओर कूच किया। मोहाली पुलिस के साथ ही चंडीगढ़ पुलिस भी अलर्ट है। सोमवार रात को ही मोहाली पुलिस के आला अधिकारियों ने जिले के सभी थानों के एसएचओ को बुलाकर उन्हें विभिन्न चौकों पर तैनात होने के आदेश दे दिए थे। पुलिस को अंदेशा था कि बड़ी संख्या में लोग मोर्चे में पहुंच सकते हैं। मंगलवार को सुबह से ही मोहाली पुलिस ने धरनास्थल और उसके आसपास के इलाके को पुलिस छावनी में बदल दिया। करीब 10 बजे बड़ी संख्या में पुलिस मुलाजिम, होमगार्ड, कमांडो और एआरपी (एंटी राॅयट पुलिस) के जवानों ने मोर्चा संभाल लिया। 25 सौ से ज्यादा मुलाजिम सड़कों पर तैनात थे।
दोपहर करीब 12 बजे 200 के करीब प्रदर्शनकारियों ने अरदास करने के बाद गवर्नर से मिलने के लिए चंडीगढ़ की ओर कूच किया लेकिन वाईपीएस चौक पर भारी संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी के चलते प्रदर्शनकारियों को चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर रोक दिया गया। इसके बाद करीब सवा एक बजे प्रदर्शनकारियों ने शांतिपूर्ण ढंग से सड़क पर बैठकर जाप शुरू कर दिया। चंडीगढ़ की ओर जाने की अनुमति नहीं मिलने पर वे सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए वाईपीएस चौक पर डट गए। शहर के फेज-3 ए में रहने वाले लोगों ने कहा कि इस धरने से पहले बच्चे को स्कूल छोड़ने में उन्हें पांच मिनट लगते थे लेकिन अब रास्ते बंद होने के कारण घूमकर आने से आधा-पौना घंटा अधिक लग रहा है। वहीं, आज पूरा दिन शहर में जाम की स्थित रही।
कैबिनेट मंत्री ने लिया मांगपत्र : प्रदर्शनकारी चंडीगढ़ जाने की जिद पर अड़े थे। बाद में पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से मांगपत्र लेकर उनकी मांगें जल्द हल करने का आश्वासन दिया। जिसके बाद प्रदर्शनकारी शांत हुए और वापस वाईपीएस चौक पर लगे पक्के मोर्चे पर लौट आए।
सभी पुलिस मुलाजिमों ने लगाए थे बॉडी कैम : रोष मार्च के दौरान कोई हिंसक घटना न हो, इसके लिए पुलिस ने पुख्ता प्रबंध तो किए हुए थे। साथ ही पुलिस मुलाजिमों ने बॉडी कैम (वर्दी पर लगे कैमरे) लगाए हुए थे। मौके की वीडियोग्रॉफी की जा रही थी। पिछले साल भी चंडीगढ़ की ओर कूच करते समय निहंगों ने पुलिस पर हमला कर दिया था। इस दौरान घुड़सवार निहंगों ने पुलिस पर घोड़े चढ़ा दिए थे जिसमें मोहाली व चंडीगढ़ के कई पुलिस मुलाजिम इसमें घायल हो गए थे।