Aligarh Temple : संभल-बनारस के बाद अब इस जगह पुराने मंदिर से मिला शिवलिंग, हिंदू संगठनों ने की ये मांग
अलीगढ़, 18 दिसंबर (भाषा)
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के बन्नादेवी क्षेत्र के मुस्लिम बहुल इलाके सराय रहमान में सड़क किनारे एक पुराने मंदिर के मलबे से बुधवार को शिवलिंग बरामद किया गया। इसके बाद स्थानीय पुलिस और प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ा।
मलबे से शिवलिंग मिलने के बाद बजरंग दल और करणी सेना सहित स्थानीय हिंदू संगठनों ने मंदिर के जीर्णोद्धार की मांग की। खबर सुनकर मौके पर पहुंचे बजरंग दल के सदस्य मयंक कुमार ने कहा कि मंदिर करीब पांच दशकों से परित्यक्त था और इसका इस्तेमाल 'डंपिंग ग्राउंड' के रूप में किया जा रहा था। सफाई अभियान के दौरान मंदिर के पास टूटे ईंटों के मलबे में शिवलिंग दबा हुआ मिला।
शिवलिंग की बरामदगी के मद्देनजर स्थानीय लोगों और कार्यकर्ताओं का एक बड़ा समूह वहां जमा हो गया, जिसके बाद इलाके में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस मौके पर पहुंची। करणी सेना के पदाधिकारी ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह के अनुसार, एक प्रतिनिधिमंडल ने अपर जिला मजिस्ट्रेट (शहर) और पुलिस अधीक्षक (शहर) से मिलकर ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि मंदिर परिसर का कथित तौर पर अवैध उपयोग किया गया। इसमें दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और मंदिर का जीर्णोद्धार करने की मांग की गई। यह विरासत और आस्था का मामला है। जिन लोगों ने इस मंदिर का दुरुपयोग होने दिया, उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। पुलिस अधीक्षक (शहर) मृगांक शेखर पाठक ने कहा जांच जारी है। अगर यह पाया गया कि अनधिकृत व्यक्ति परिसर का दुरुपयोग कर रहे थे, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस ने कहा कि स्थिति को और खराब न होने देने के लिए स्थानीय अधिकारियों ने एहतियाती उपाय लागू किए हैं और जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। उत्तर प्रदेश में हाल ही में मंदिर-मस्जिद विवाद से संबंधित कई मुकदमे विभिन्न अदालतों में दायर किए गए हैं, जिनमें वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद, मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद, संभल की शाही जामा मस्जिद, बदायूं की जामा मस्जिद शम्सी, जौनपुर की अटाला मस्जिद शामिल हैं।
याचिकाकर्ताओं ने दावा किया है कि ये मस्जिद प्राचीन मंदिरों को नष्ट करने के बाद बनाई गई थीं और वहां हिंदुओं को पूजा करने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया है। उत्तर प्रदेश के संभल में सर्वेक्षण के अदालती आदेश के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के दौरान हिंसा में 24 नवंबर को चार लोगों की जान चली गई और सुरक्षाकर्मियों सहित कई अन्य घायल हो गए।