Panchang 28 April 2025: अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को, जानें क्या है इस दिन का महत्व, कब है शुभ मुहूर्त
चंडीगढ़, 28 अप्रैल (ट्रिन्यू)
Akshaya Tritiya 2025: वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया कहते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार यह तिथि स्वयं सिद्ध, अत्यंत शुभ और हर प्रकार से मंगलदात्री मानी जाती है। पंडित अनिल शास्त्री के अनुसार ज्योतिष शास्त्र में इसे श्रेष्ठतम मुहूर्त के रूप में स्वीकार किया गया है। सतयुग और त्रेतायुग का शुभारंभ भी अक्षय तृतीया के दिन ही हुआ था।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु ने नर-नारायण रूप में अवतार लेकर कठोर तपस्या की तथा हयग्रीव अवतार लेकर वेदों की रक्षा की थी। भगवान परशुराम का जन्म भी अक्षय तृतीया के दिन हुआ था। श्रीमद्भागवत के अनुसार, यह दिन सृष्टि रचना और धर्म स्थापना से भी जुड़ा है। आदिगुरु शंकराचार्य ने श्रीबद्रीनाथ जी के श्रीविग्रह को अलकनंदा नदी से निकालकर प्रतिष्ठित किया था, तभी से अक्षय तृतीया पर बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलते हैं।
पंडित अनिल शास्त्री के अनुसार यह दिन अबूझ मुहूर्त का प्रतीक माना जाता है, जिसमें बिना पंचांग देखे शुभ कार्य संपन्न किए जाते हैं। सोना, चांदी खरीदना और दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन किए गए पुण्य कार्य और दान अक्षय फल प्रदान करते हैं।
वैदिक पंचांग के अनुसार, वर्ष 2025 में अक्षय तृतीया का पर्व 30 अप्रैल को मनाया जाएगा। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5:41 से दोपहर 12:18 तक रहेगा। इस पावन अवसर पर साधक पूजा-अर्चना, दान तथा तपस्या कर सुख-समृद्धि एवं मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
Panchang 28 April 2025:
राष्ट्रीय मिति वैशाख 08, शक संवत 1947, विक्रम संवत् 2082
तिथि वैशाख शुक्ल प्रतिपदा, सोमवार
सौर मिति वैशाख मास प्रविष्टे 16
अंग्रेजी तारीख 28 अप्रैल 2025
सूर्य स्थिति उत्तरायण, उत्तर गोल
ऋतु ग्रीष्म ऋतु
राहुकाल प्रातः 07:30 बजे से 09:00 बजे तक
तिथि परिवर्तन प्रतिपदा रात्रि 09:11 बजे तक, फिर द्वितीया तिथि
नक्षत्र भरणी रात्रि 09:38 बजे तक, फिर कृतिका नक्षत्र
योग आयुष्मान रात्रि 08:02 बजे तक, फिर सौभाग्य योग
करण किस्तुघ्न पूर्वाह्न 11:06 बजे तक, फिर बालव करण
चन्द्रमा संचार मेष राशि में, अर्धरात्रोत्तर 02:54 बजे वृष राशि में प्रवेश
विजय मुहूर्त दोपहर 02:31 बजे से 03:23 बजे तक
निशिथ काल रात्रि 11:57 बजे से 12:40 बजे तक
गोधूलि बेला शाम 06:53 बजे से 07:15 बजे तक
डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।