अकाल तख्त ने डल्लेवाल के विरोध को बताया जायज,कहा- सिख धर्म में भूख हड़ताल के लिए जगह नहीं, लेकिन....
चंडीगढ़ , 8 जनवरी (ट्रिन्यू)
Farmers Protest : अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत पर चिंता जताते हुए अकाल तख्त ने कहा कि हालांकि सिख धर्म में भूख हड़ताल की कोई जगह नहीं है लेकिन यह बेहद निंदनीय है कि अन्नदाता को अपने हक के लिए अनशन करना पड़ रहा है।
किसानों ने देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की
डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत के मद्देनजर किसान मजदूर मोर्चा और एसकेएम (गैर-राजनीतिक) ने देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की। 10 जनवरी को गांवों में राष्ट्रव्यापी पुतला दहन विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। लोहड़ी पर कृषि विपणन पर मसौदा नीति की प्रतियां जलाई जाएंगी। इसके अलावा किसान 26 जनवरी को ट्रैक्टरों पर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं।
सोमवार को श्री गुरु गोबिंद सिंह की जयंती के अवसर पर बोलते हुए अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा, “सिख धर्म में भूख हड़ताल की कोई अवधारणा नहीं है लेकिन यह चौंकाने वाली बात है कि मानव जाति को भोजन देने के लिए अथक परिश्रम करने वाले किसानों को अपनी मांगों को मनवाने के लिए भोजन छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। जत्थेदार ने कहा, "सरकार के लिए इससे ज्यादा भयावह कुछ नहीं हो सकता।"
विज्ञापन संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेता दल्लेवाल (70) पिछले 40 दिनों से पंजाब और हरियाणा की सीमा पर खनौरी धरना स्थल पर अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं। किसान अपनी फसलों के एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। इस बीच, अकाली दल ने कहा है कि यह चौंकाने वाली बात है कि भले ही सुप्रीम कोर्ट किसान नेता के आमरण अनशन की लगभग दैनिक आधार पर निगरानी कर रहा था लेकिन केंद्र और राज्य सरकारें दोनों "आरोप लगाने और राजनीति करने का खेल खेल रही थीं।"
अकाली नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा, "पूरे मुद्दे को ध्रुवीकृत करने की कोशिशें भी चल रही हैं, जो निंदनीय है और पंजाब जैसे सीमावर्ती राज्य के लिए खतरनाक हो सकता है।" उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वे आगे आकर ऐसा माहौल बनाएं जिससे दल्लेवाल का अनशन समाप्त हो सके।